Guru Purnima 2026: कब है गुरु पूर्णिमा 2026 में, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, उपाय

Guru Purnima 2026: गुरु पूर्णिमा का हिन्दू धर्म मे विशेष महत्व है। हिंदी पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व गुरूओ के सम्मान में पूरे देशभर में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। शास्त्रो में गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान, दान करने का विशेष महत्व बतलाया गया है।

धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाता है। ऐसी मान्यता है कि महर्षि वेद व्यास जी ने पहली बार मानव जाति को चारों वेदों के ज्ञान का बोध कराया था। इसलिए इन्हें गुरूओ में सर्वप्रथम गुरु की उपाधि दी गयी है। हिन्दू धर्म मे गुरु का विशेष महत्व होता है।

क्योकि गुरु अपने शिष्यों को गलत मार्ग पर चलने से रोकता है। और सही रास्ते पर चलने के लिए उन्हें प्रेरित करता है। और उनके जीवन मे ज्ञान का प्रकाश फैलाकर उन्हें उचाईयो पर ले जाते है। आईये जानते है साल 2025 में गुरु पुर्णिमा कब है? 28 या 29 जुलाई, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और इस दिन क्या करे क्या ना करे –

गुरु पूर्णिमा पूजा विधि

Guru Purnima 2026 Puja Vidhi: गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ व शुद्ध वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल पर गुरु की फ़ोटो या फिर मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद फिर भगवान (गुरु) व्यास जी के चित्र को सुगन्धित फूल या माला चढ़ाकर उनकी पूजा करनी चाहिए। या फिर आप जिस गुरु को मानते है। तो उनके पास जाना चाहिए। और उन्हें ऊँचे सुसज्जित आसन पर बैठाकर पुष्पमाला पहनानी चाहिए। इसके बाद गुरु को वस्त्र, फल, फूल व माला अर्पण करके कुछ दक्षिणा अपने सामर्थ्य के अनुसार भेंट करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

गुरु पूर्णिमा क्या करे क्या नही ?

Guru Purnima 2026 Kya Karen Kya Na Karen: धार्मिक मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन जो लोग जल से भरा मिट्टी का घड़ा, अनाज, फल, वस्त्र और सफेद वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा सभी कार्यो में सफलता प्राप्त होती है।

  • ऐसी मान्यता है कि गुरू पूर्णिमा के दिन शाम के समय किसी भी पीपल के वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाने के बाद मिठाई का भोग लगाने से देवता और पितर दोनो खुश होकर अपना आशीर्वाद देते है।
  • ऐसी मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान व्यास जी द्वारा रचित ग्रंथो का अध्यन करते हुए वस्त्र, फल, फूल-माला आदि अर्पित करने से गुरु अति प्रसन्न होते है और अपना अमूल्य आशीर्वाद प्रदान करते है।
  • गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु ही नही बल्कि माता-पिता बड़े भाई-बहन आदि की भी पूजा करनी चाहिए। क्योकि बड़ो का आर्शीवाद कल्याण कारी तथा ज्ञान वर्धक साबित होता है।

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  • यदि आप के घर परिवार पर, विजनस (व्यापार) में किसी की बुरी नजर पड़ जाए तो उसे बचाने के लिए गोबर के उपले पर 11 कूपर जलाकर पूरे घर मे घुमाने से बुरी नजर टल जाएगी।
  • यदि आप किसी भी कार्य मे सफलता पाना चाहते हैं तो गुरु पूर्णिमा के दिन किसी भी शिवालय में जाकर वेल पत्र पर ॐ नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से कार्य क्षेत्रों में सपकता मिलेगी।
  • लेकिन गुरु पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे – मास, मदिरा, मछली, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नही करना चाहिए। बल्कि शुद्ध शाकाहारी भोजन करना चाहिए।

गुरु पूर्णिमा 2026 पूजा शुभ मुहूर्त

Guru Purnima 2026 Date Time Shubh Muhurat: हिंदी पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। साल 2026 में गुरु पूर्णिमा 29 जुलाई दिन बुधवार को मनाई जाएगा। पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी – 28 जुलाई 2026 को शाम 06 बजकर 18  मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 29 जुलाई 2026 को रात 08 बजकर 07 मिनट पर

गुरु पूर्णिमा क महत्व

गुरु पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, और यह पर्व गुरुओं की पूजा और सम्मान का प्रतीक है। गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं और उन्हें सम्मान देते हैं। इस दिन लोग अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान और शिक्षा के लिए धन्यवाद देते हैं। इस त्योहार के माध्यम से लोग अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान और शिक्षा के लिए धन्यवाद देते हैं।

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