Nag Panchami 2026: हिंदी पंचांग के अनुसार हर साल श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन नागों की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार नागों की पूजा करने से अपार धन, की प्राप्ती होती है। और मनवांछित फल एवं शक्ति की प्राप्ति होती है। क्योकि श्रावण का महीना भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय है। इसलिए नाग पंचमी के दीन भगवान भोलेनाथ के साथ भगवान नाग देव की भी पूजा की जाती है।
ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन मे आने वाली सभी बधाये दूर होती है। और जिस किसी की जन्म कुंडली मे काल सर्प दोष है। वो लोग नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करके काल सर्प दोष से मुक्ति पा सकते है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी के पर्व को विशेष माना गया है. इस दिन नाग देवता की विधि पूर्वक पूजा करने से सुख, समृद्धि में वृद्धि होती है. भय से मुक्ति मिलती है। आइये जानते है साल 2026 में नाग पंचमी कब है 16 या 17अगस्त, जानिए सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, इस दिन किये जाने वाले उपाय –
नाग पंचमी पूजा विधि
Nag Panchami 2026 Puja Vidhi: नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय होने से पहले घर की साफ सफाई करके स्नान आदि से निवृत्त हो लें। इसके बाद घर के दरवाजे पर या पूजास्थल पर गाय के गोबर या पवित्र मिट्टी से नाग बनाएं और व्रत का संकल्प लें। फिर नाग पंचमी के दिन नाग देवता का आह्वान करके उनको मन ही मन आमंत्रित करें। और बनाए गए नाग देवता की प्रतिमा पर जल, फूल, माला और चंदन का अर्घ्य दें। अगर आप के घरके पास कोई नाग मंदिर नही है तो शिव मंदिर में जाकर पूजा कर सकते है।
नाग पंचमी उपाय
Nag Panchami 2026 Upay: शास्त्रो के अनुसार यदि जो लोग नाग पंचमी के दीन गाय के कच्चे दूध में 5 पीली कौड़ियों को भिगोने के बाद गंगाजल से अच्छे से साफ करके धन के स्थान पर रखने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। और पूरे परिवार पर भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि नाग पंचमी के दिन चांदी के सिक्के में लाल रंग का धागा बांधकर तिजोरी में रखने से कारोबार में लाभ मिलता है, धन में वृद्धि होती है। नाग पंचमी के दिन मास, मछली, अंडा, लहसून, प्याज आदि भूलकर भी नही खाना चाहिए।
पौराणिक कथा
Nag Panchami 2026 Vrat Katha: नाग पंचमी से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार – किसी राज्य में एक किसान परिवार रहता था। किसान के दो पुत्र व एक पुत्री थी। एक दिन किसान अपने खेत मे हल चला रहा था। अचानक हल जोतते समय हल से नाग के तीन बच्चे कुचल कर मर गए। जब नागिन को इस बाद का पता चला तो वह बहुत दुखी हुई और विलाप करती रही फिर उसने अपनी संतान के हत्यारे से बदला लेने का संकल्प किया। एक दिन की बात है जब किसान रात्रि में सो रहा था तभी रात्रि के अंधकार में नागिन ने किसान, उसकी पत्नी व दोनों लड़कों को डस लिया।
और अगले दिन फिर प्रातः किसान की पुत्री को डसने के उद्देश्य से नागिन फिर चली तो किसान कन्या ने उसके सामने दूध का भरा कटोरा रख दिया। और हाथ जोड़कर क्षमा याचना करने लगी। तब नागिन को किसान की लड़की पर दया आ गयी। और प्रसन्न होकर उसके माता-पिता व दोनों भाइयों को पुनः जीवित कर दिया। उस दिन श्रावण शुक्ल पंचमी थी। तब से आज तक नागों के कोप से बचने के लिए इस दिन नागों की पूजा की जाती है।
नाग पंचमी 2026 कब है
Nag Panchami 2026 Date Time Puja Shubh Muhurat: अब आप को बतादे की साल 2026 में नाग पंचमी 17 अगस्त दिन सोमवार को मनाई जाएगी।
नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त है – 17 अगस्त 2026 को सुबह 05 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। नाग पंचमी पूजा की कुल अवधि है : 2 घंटे 37 मिनट
पंचमी तिथि प्रारम्भ होगी – 16 अगस्त 2026 को शाम 04 बजकर 52 मिनट पर
पंचमी तिथि समाप्त होगी – 17 अगस्त 2026 को शाम 05 बजकर 00 मिनट पर
नाग पंचमी का महत्व
नाग पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, और यह पर्व सांपों की पूजा और सम्मान का प्रतीक है। इस त्योहार के माध्यम से लोग अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
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नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो विशेष रूप से सर्प देवता (नागों) की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है। इस दिन नागों की पूजा करके उनके प्रकोप से मुक्ति व सुख-शांति की कामना की जाती है।
नाग पंचमी को क्या करें:
नाग देवता की पूजा करें:
चित्र या मिट्टी के नागों की प्रतिमा बनाकर दूध, चावल, कुशा, पुष्प, अक्षत आदि से पूजन करें।
नागों को दूध, लड्डू, मीठा या सफेद चीजें अर्पित करें।
“ॐ नमः नागाय” या “नाग देवता की जय” जैसे मंत्रों का जाप करें।
कथा श्रवण और व्रत:
इस दिन नाग पंचमी की कथा सुनना या पढ़ना शुभ होता है।
कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं।
साँपों को दूध पिलाना (सावधानी के साथ):
यह परंपरा कुछ क्षेत्रों में है, लेकिन यह जानकर करें कि यह सुरक्षित है और जानवरों के लिए हानिकारक न हो।
घर की दीवारों पर नाग की आकृति बनाना:
ग्रामीण क्षेत्रों में घर की दीवारों पर गोबर या गेरू से नाग की आकृति बनाई जाती है।
सर्पों को कष्ट न पहुँचाना:
इस दिन किसी भी साँप या जीव-जंतु को नुकसान पहुँचाना वर्जित होता है।
नाग पंचमी को क्या नहीं करें:
खेत की खुदाई या भूमि खुदाई न करें:
इससे सर्पों का निवास स्थान बाधित हो सकता है।
साँपों को मारना या डराना मना है:
यह दिन सर्पों की पूजा का है, हिंसा वर्जित मानी जाती है।
तले-भुने भोजन से परहेज करें:
कुछ परंपराओं में इस दिन सात्विक भोजन करना उचित माना जाता है।
लोहे के बर्तन या नुकीली चीजों का उपयोग कम करें:
सांकेतिक रूप से इसे हानिकारक माना जाता है।
झूठ बोलना या विवाद करना वर्जित:
व्रत और पूजा में मन और वाणी की शुद्धता आवश्यक मानी जाती है।