Masik Durga Ashtami 2025 List: हिन्दू धर्म मे मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत का विशेष महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है। मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा का पूजा अर्चना किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा की पूजा उपासना करने से सभी मनोकामना पूरी होती है।
इसके अलावा मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा की पूजा करने से साहस, शक्ति, और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। और जीवन में आने वाली सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होती है। आइये जानते है साल 2025 में मासिक दुर्गा अष्टमी कब-कब पड़ेगी जानिए सही दिन तारीख
मासिक दुर्गा अष्टमी 2025 व्रत त्यौहार की सूची Monthly Durga Ashtami 2025 Vrat Festival List
07 जनवरी 2025 – दिन – मंगलवार – पौष मासिक दुर्गाष्टमी
05 फरवरी 2025 – दिन – बुधवार – माघ मासिक दुर्गाष्टमी
07 मार्च 2025 – दिन – शुक्रवार – फाल्गुन मासिक दुर्गाष्टमी
05 अप्रैल 2025 – दिन – शनिवार – चैत्र मासिक दुर्गाष्टमी
05 मई 2025 – दिन – सोमवार – वैशाख मासिक दुर्गाष्टमी
03 जून 2025 – दिन – मंगलवार – ज्येष्ठ मासिक दुर्गाष्टमी
03 जुलाई 2025 – दिन – गुरुवार – आषाढ़ मासिक दुर्गाष्टमी
01 अगस्त 2025 – दिन – शुक्रवार – श्रावण मासिक दुर्गाष्टमी
31 अगस्त 2025 – दिन – रविवार – भाद्रपद मासिक दुर्गाष्टमी
30 सितंबर 2025 – दिन – मंगलवार – अश्विन मासिक दुर्गाष्टमी
30 अक्टूबर 2025 – दिन – गुरुवार – कार्तिक मासिक दुर्गाष्टमी
28 नवंबर 2025 – दिन – शुक्रवार – मार्गशीर्ष मासिक दुर्गाष्टमी
28 दिसंबर 2025 – दिन – रविवार – पौष मासिक दुर्गाष्टमी
मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि Masik Durga Ashtami 2025 Puja Vidhi
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निवित्र होकर स्नान करे और साफ व शुद्ध वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा मंदिर या घर के पूजा स्थान को अच्छे से साफ-सफाई करके माता दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें इसके बाद और व्रत का संकल्प ले। इसके बाद माता दुर्गा जी को रोली या हल्दी से तिलक करके माता दुर्गा को फूल माला, फूल, और श्रृंगार की 5 वस्तुएं चढ़ाएं।
इसके बाद माता दुर्गा के समकच्छ धूप-दीप जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। और आरती के साथ पूजा का समापन करें। और रात में चंद्रमा निकलने के बाद चंद्रमा का दर्शन करके चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।