Ganga Saptami 2026: हिन्दू धर्म मे गंगा सप्तमी का विशेष महत्व बतलाया गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन ही भगवान ब्रह्मा जी के कमंडल से माता गंगा की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन जो भी गंगा जी में डूबकी लगता है। उसके सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं। और उसे अमृत की प्राप्ति होती है। और गंगा जी में स्नान करने से समस्त रोग, दोष एवं सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही गंगा सप्तमी के दिन शुभ मुहूर्त में की गई उपासना से मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइये जानते है साल 2026 में गंगा सप्तमी कब मनाई जाएगी। जानिए पूजा की सही तिथि, पूजा विधि और इस दिन क्या करना चाहिए।
गंगा सप्तमी पूजा विधि
Ganga Saptami Puja Vidhi: शास्त्रों के अनुसार गंगा सप्तमी के दिन प्रातःकाल स्नान करते समय माता गंगा का ध्यान करें। इसके बाद सूर्य देव को एक लोटा जल अर्पित करे। और घर के मंदिर में धूप दीप करके सभी देवी देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। इसके बाद माता गंगा का ध्यान करते हुए उन्हें पुष्प अर्पित करें और गंगा मैया को भोग लगाएं और माता गंगा की आरती करें।
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गंगा सप्तमी 2025 शुभ मुहूर्त
Ganga Saptami 2026 Date: हिन्दू पंचांग के अनुसार गंगा सप्तमी वैसाख मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। साल 2026 में गंगा सप्तमी तिथि शुरू होगी 22 अप्रैल 2026 को रात्रि 10 बजकर 49 मिनट पर और सप्तमी तिथि समाप्त होगी 23 अप्रैल 2026 को रात्रि 08 बजकर 49 मिनट पर इसलिए उदया तिथि के अनुसार गंगा सप्तमी 24 अप्रैल दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। और मध्यान्ह पूजा का शुभ मुहूर्त है 23 अप्रैल 2026 को सुबह 10 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
गंगा सप्तमी पर क्या करे
- सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान के समय गलत दिशा की और मुँह नहीं करना चाहिए बल्कि नदी की धारा या सूर्य की ओर मुख करके स्नान करना चाहिए।
- गंगा सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव को गंगाजल और माता गंगा को दूध अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से पवित्र फल की प्राप्ति होती है।
- मान्यता है की गंगा सप्तमी के दिन गंगा जी में स्नान करने समय मन में नकारातमक विचार नहीं लाना चाहिए।
- बल्कि गंगा जी में स्नान करते समय साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा जी मे स्नान के बाद गंगा लहरी और गंगा स्त्रोत का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे आपको गंगा स्नान का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
- गंगा सप्तमी के दिन स्नान आदि करने के बाद दान पुण्य जरूर करना चाहिए।