Sita Ashtami 2026: हिंदू पंचांग के अनुसार सीता अष्टमी हर साल फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार मायता सीता जी को राजा जनक ने अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया था। इसलिए यह दिन जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है। माता सीता को लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता सीता की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। और माता सीता की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धैर्य, शांति और समृद्धि आती है।
यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन सभी विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन मे सुख-शांति लाने के लिए माता सीता की पूजा अर्चना करती है। इसके अलावा भी जो लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। वे लोग भी सीता अष्टमी के दिन पूजा करके धन-समृद्धि की प्रार्थना करते है। अब आईये जानते है साल 2026 में सीता अष्टमी कब मनाई जाएगी? 09 या 10 फरवरी जानिए पूजा की सही तिथि, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय
सीता अष्टमी 2026 पूजा मुहूर्त
Sita Ashtami 2026 Puja Muhurat: हिन्दू पंचांग के अनुसार साल 2026 में अष्टमी तिथि प्रारम्भ हो रही है 09 फरवरी 2026 को प्रातःकाल 05 बजकर 01 मिनट पर और अष्टमी तिथि समाप्त होगी 10 फरवरी 2026 को प्रातःकाल 07 बजकर 27 मिनट पर । इसलिए उदयातिथि के अनुसार सीता अष्टमी 09 फरवरी दिन सोमवार को मनाई जाएगी।
सीता अष्टमी पूजा विधि
Sita Ashtami 2026 Puja Vidhi: सीता अष्टमी के दिन सबसे पहले इस दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया करके स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर के मंदिर या किसी पवित्र स्थान को अच्छे से साफ-सफाई करें। इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद माता सीता और श्रीराम की मूर्ति स्थापित करें। फिर पूजा में रोली, चंदन, अक्षत, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करें। इसके बाद जानकी जयंती व्रत कथा का पाठ करें और फिर माता सीता के मंत्रों का जाप करें। और पूजा के अंत में माता सीता और भगवान श्रीराम की आरती करें। और पूजा समाप्त होने के बाद सबको प्रसाद वितरित करें।
सीता अष्टमी व्रत उपाय
सीता अष्टमी व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है। जो माता सीता की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। आइये जानते है सीता अष्टमी के दिन किये जाने वाले कुछ खास उपाय जैसे-
- सीता अष्टमी व्रत के दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है। इस दिन उपवास रखें और माता सीता की पूजा करें।
- सीता अष्टमी व्रत के दिन माता सीता की पूजा करना शुभ माना जाता है। माता सीता की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं, फूल चढ़ाएं, और मंत्रों का जाप करें।
- माता सीता के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। आप “ॐ सीतायै नमः” या “सीता राम” मंत्र का जाप कर सकते हैं।
- सीता अष्टमी व्रत के दिन दान और पुण्य करना भी शुभ माना जाता है। गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें और पुण्य कमाएं।
- सीता अष्टमी व्रत विवाहित जीवन के लिए भी शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और माता सीता की पूजा करने से विवाहित जीवन में सुख और शांति आती है।
सीता अष्टमी व्रत के लाभ
- सीता अष्टमी व्रत रखने से माता सीता की कृपा प्राप्त होती है।
- सीता अष्टमी व्रत विवाहित जीवन में सुख और शांति लाता है।
- सीता अष्टमी व्रत रखने से पापों की मुक्ति होती है और आत्मा पवित्र होती है।