Radha Ashtami 2026: राधा अष्टमी कब है 2026 में, जानिए शुभ मुहूर्त पूजा विधि, भोग

Radha Ashtami 2026: हिंदी पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन ही राधा रानी का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म में जिस तरह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महत्व होता है ठीक उसी प्रकार राधा अष्टमी का विशेष महत्व होता है।

हिंदी पंचांग के अनुसार राधा अष्टमी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के ठीक पंद्रह दिन बाद पड़ती है। राधा अष्टमी का पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तरह ही मथुरा, बृंदावन, और बरसाने में बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाई जाती है। इस दिन व्रती महिलाएं घर मे सुख शांति, परिवार की उन्नति के लिए, के लिए राधा अष्टमी का व्रत रखती है। और राधा रानी के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा करती है।

ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की विधिवत पूजा करने से जीवन मे सुख समृद्धि व खुशहाली आती है। और महिलाओं को अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइये जानते है साल 2025 में राधा अष्टमी कब है? 18 या 19 सितम्बर को, जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व राधा अष्टमी व्रत का महत्व

राधा अष्टमी पूजा विधि

Radha Ashtami Puja Vidhi 2026: राधा अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर अपने घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई करके पूजा स्थल पर एक जल से भरा कलश स्थापित करे। इसके बाद पूजा स्थल पर चौकी बिछाकर उस चौकी पर पीले या लाल रंग का कपड़ा विछा कर उसके ऊपर भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

इसके बाद राधा जी को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। और सुंदर वस्त्र व आभूषणों से उनका श्रृंगार करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी को चंदन, अक्षत, फूल और मौसमी फल आदि चढ़ाएं। इसके बाद राधा जी के समक्ष धूप-दीप जलाए और अंत मे आरती करें। आरती करने के बाद राधा-कृष्ण के मंत्रों का जाप करें। फिर पूजा सम्पन्न करें।

राधा अष्टमी 2026 शुभ मुहूर्त

Radha Ashtami 2026 Date Time: हिंदी पंचांग के अनुसार राधा अष्टमी भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इसलिए साल 2026 में अष्टमी तिथि प्रारम्भ हो रही है। 18 सितम्बर 2026 को दोपहर 01:00 बजे से और अष्टमी तिथि का समापन हो रहा है। 19 सितम्बर 2026 को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर।

इसलिए उदयातिथि के अनुसार साल 2025 में राधा अष्टमी 19 सितम्बर दिन शनिवार को मनाई जाएगी।
मध्याह्न पूजा का शुभ मुहूर्त है। सुबह 10:47 मिनट से लेकर दोपहर 01:13 मिनट तक रहेगा।
पूजा की अवधि – 02 घण्टे 27 मिनट

राधा अष्टमी के दिन क्या करे

Radha Ashtami Kya Karen Kya Nahi: हिन्दू धर्म मे राधा अष्टमी व्रत का विशेष महत्व होता है। राधा अष्टमी के दिन राधा रानी के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करने से जन्माष्टमी पूजा करने के समान फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी अति प्रसन्न होते है। जैसे

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ऐसी मान्यता है कि राधा अष्टमी के दिन जो भी लोग गुप्त रूप से तिल, उड़द डाल, काले कपड़े, लोहा आदि का दान करते है। उनके विवाह में आने वाली रुकावटे दूर होती है। और विवाह के योग बनते है। लेकिन कुआरी कन्याये भूलकर भी शृंगार का दान ना करे।

राधा अष्टमी पर क्या भोग लगाना चाहिए

Radha Ashtami 2026 Bhog: राधा अष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा-अर्चना की जाती है, और उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। इसलिए राधा अष्टमी के दिन जो भी लो राधा रानी को भोग लगाना चाहते है वे लोग निम्नलिखित वस्तुओं का भोग लगा सकते है।

  • राधा रानी को मेवाई बहुत पसंद है, जिसमें बादाम, काजू, पिस्ता आदि शामिल हो सकते हैं।
  • राधा अष्टमी पर विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ जैसे कि लड्डू, जलेबी, बर्फी आदि भगवान को अर्पित की जा सकती हैं।
  • ताजे फल जैसे कि आम, केला, अंगूर आदि भगवान को अर्पित किए जा सकते हैं।
  • राधा रानी को पेड़ा बहुत पसंद है, जो दूध और चीनी से बनाया जाता है।
  • भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को माखन-मिश्री का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं।

इन भोगों को भगवान को अर्पित करने से पहले सुनिश्चित करें कि वे स्वच्छ और पवित्र हैं। भोग लगाने के बाद, प्रसाद को परिवार और भक्तों में बांटा जा सकता है।

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