Nirjala Ekadashi 2026: कब है निर्जला एकादशी, नोट करले, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व उपाय

Nirjala Ekadashi 2026: साल की सभी एकादशी तिथियों में निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। यह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मई या जून के महीने में पड़ती है। हिंदी पंचांग के अनुसार जेष्ठ माह के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस एकादशी व्रत में भगवान विष्णु जी की पूजा करने का विधान है। निर्जला एकादशी का व्रत बिना कुछ खाये पिये निर्जला उपवास किया जाता है।

निर्जला एकादशी सभी एकादशियो में सबसे कठिन एकादशी मानी जाती है। निर्जला एकादशी गंगा दशहरा से लगभग 1 दिन पहले मनाई जाती है। लेकिन कभी कभी निर्जला एकादशी गंगा दशहरा के दिन ही पड़ जाती है। शास्त्रो में एकादशी व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ और उत्तम फल देने वाली मानी जाती है। साल में आने वाली सभी एकादशी तिथियों में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी सर्वोत्तंम मानी जाती है।

ऐसी मान्यता है कि इस व्रत में पानी पीना वर्जित होता है इसीलिए इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी का व्रत रखने से सभी एकादशियों के व्रतों के फल व्यक्ति को एकसाथ प्राप्त हो जाता है। निर्जला एकादशी को भीमसेन या पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। आइये जानते है साल 2026 ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी कब है? 24 या 25 जून, जानिए सही तिथि, शुभ का मुहर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय

निर्जला एकादशी पूजा विधि

निर्जला एकादशी व्रत कठिन व्रतों में से एक है इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद पीले वस्र धारण कर शेषशायी भगवान विष्णु की पंचोपचार विधि से पूजा करें। इसके बाद भगवान विष्णु को पीले चंदन का तिलक करके पीले फल, पीले फूल, पीली मिठाई, तुलसी पत्र व अन्य पूजन सामग्री अर्पित करे।

इस एकादशी व्रत तिथि से लेकर अगले दिन द्वादशी तिथि सूर्योंदय तक जल और भाजन का त्याग करके दान, पुण्य करने के बाद जल ग्रहण करने की मान्यता है। आप अगर बिना जल ग्रहण व्रत नहीं कर सकते हैं तो इस दिन फलों का सेवन करके व्रत रख सकते है। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा में उनके मंत्र ओम नमो भगवत वासुदवायः का जाप करें और व्रत कथा पढ़े। और पूजा के अंत मे भगवान विष्णु की आरती करके प्रसाद सभी वितरित कर पूजा समाप्त करे।

निर्जला एकादशी व्रत उपाय

निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना की जाती है और व्रत उपवास भी रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन जो लोग भगवान विष्णु की पूजा करने उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। और उनके जीवन मे आने वाला सभी संकट और दुख दूर होते है। निर्जला एकादशी के दिन कुछ उपाय को करके अपनी मनोकामना पूरी कर सकते हैं। जैसे –

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  • धार्मिक मान्यता है की निर्जला एकादशी के दिन निर्जल रहकर जरूरतमंद लोगों को फल, अन्र, छतरी, शरबत और जल आदि का दान करना शुभ माना जाता है। निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को मक्खन, मिश्री का भोग लगाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा के आगे बैठकर 108 बार ‘श्री हरि, श्री हरि’ का जाप करने से मनोकामना पूरी होती है।
  • निर्जला एकादशी के दिन पास के मंदिर में जाकर किसी भिखारी या गरीब व्यक्ति को गेंहू और चावल आदि का दान करते है। तो उनके जीवन मे आने वाली सभी परेशानियों का अंत होता है।
  • निर्जला एकादशी के दिन तुलसी के समीप शाम के समय घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु की आरती करने से सुख समृद्धि, और धन में वृद्धि होती है।

निर्जला एकादशी 2026 Nirjala Ekadashi 2026 Date Time

हिंदी पंचांग के अनुसार जेष्ठ माह के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। जो साल 2026 में निर्जला एकादशी 25 जून दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 24 जून 2026 को शाम 06 बजकर 12 मिनट पर
  • एकादशी तिथि समाप्त होगी – 25 जून 2026 को रात 08 बजकर 12 मिनट पर
  • एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त है – 26 जून 2026 को सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।

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