काल भैरव जयंती का महत्व
Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती का हिन्दू धर्म मे विशेष महत्व है। हिंदी पंचांग के अनुसार हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव का अवतार लिया था। इसलिए इस पर्व को कालभैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान भैरव की पूजा करने का विधान है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत व पूजन करने से भगवान भैरव अति प्रसन्न होते हैं और हर संकट से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। इस दिन प्रातः व्रत का संकल्प लेकर रात्रि में काल भैरव भगवान की पूजा की जाती है।
भगवान कालभैरव की पूजा करने से भय, ग्रह बाधा, शत्रु बाधा, से मुक्ति मिलती है।
ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन अच्छे कार्य करते है। उनके लिए भगवान काल भैरव का यह स्वरूप कल्याणकारी होता है। और जो लोग अनैतिक कार्य
करते है उनके लिए ये दंडनायक होता हैं। धार्मिक मान्यता है कि जो लोग भगवान काल भैरव के भक्तों का अहित करता है उसे तीनों लोक में कहीं भी शरण प्राप्त नहीं होती है।
आईये जानते है साल 2024 में काल भैरव जयंती कब है ? जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व इस दिन किया जाने वाला उपाय
काल भैरव जयंती पूजा विधि
Kaal Bhairav Jayanti 2024 Puja Vidhi: काल भैरव जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके व्रत का संकल्प ले। इसके बाद भगवान शिव के समक्ष घी का दीपक जलाएं और पूजन करें।
धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान काल भैरव का पूजन रात्रि में करने का विधान है। और शाम के समय भगवान काल भैरव के मंदिर में जाकर भगवान काल भैरव की प्रतिमा के सामने चौमुखी दीपक जलाएं।
और मौसमी फल, फूल, इमरती, जलेबी, उड़द, पान नारियल आदि चीजें अर्पित करें।
इसके बाद वहीं आसन पर बैठकर भगवान काल भैरव का चालीसा पढ़े। और पूजन समाप्त होने के बाद भगवान काल भैरव की आरती करें और जानें-अनजाने में हुई गलतियों के लिए भगवान काल भैरव से क्षमा याचना करे।
काल भैरव जयंती के दीन क्या करे
- ऐसी मान्यता है कि काल भैरव जयंती के दिन यदि काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाने से जीवन मे आने वाला तनाव, कष्ट, और किसी भी तरह की परेशानिया दूर होती है।
- ऐसी मान्यता है कि काल भैरव जयंती के दिन विल्व पत्र पर ओम नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान अति प्रसन्न होते है।
- ऐसी मान्यता है कि काल भैरव जयंती के भगवान शिव जी की पूजा अर्चना करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते है।
काल भैरव जयंती के दिन क्या ना करे
- काल भैरव जयंती के दिन भूलकर भी अपने मन मे अहंकार का विचार ना लाएं। और किसी को भी अपशब्द भूलकर भी नही बोलना चाहिए।
- काल भैरव जयंती के दिन भूलकर भी बेजुबान पशु-पक्षियों को परेसान नही करना चाहिए।
काल भैरव जयंती 2024 शुभ मुहूर्त
Kaal Bhairav Jayanti 2024 Date Time: अब आप को बतादे की साल 2024 में काल भैरव जयंती 22 नवम्बर दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।
अष्टमी तिथि प्रारम्भ होगी – 22 नवम्बर 2024 को शाम 06 बजकर 07 PM मिनट पर
अष्टमी तिथि समाप्त होगी -23 नवम्बर 2024 को शाम 07 बजकर 56 PM मिनट पर