होलिका दहन और होली का महत्व
Holi 2025: मित्रो होली हिंदुओ का प्रमुख त्यौहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के शुक्लपक्ष की पुर्णिमा की रात्रि में होलिका दहन किया जाता है। इसके अगले दिन रंग वाली होली खेली जाती है। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। और फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी से लेकर फाल्गुन मास की पूर्णिमा तक होलाष्टक मनाया जाता है। लेकिन होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन के प्रमुख दो नियम होलिका दहन भद्रा में नही होनी चाहिए। इसके साथ ही पूर्णिमा प्रदोष काल होनी चाहिए। इस दिन सूर्यास्त के बाद शुभ मुहूर्त में होलिका दहन होनी चाहिये।
होली रंगों का त्यौहार है। जो हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को बसन्त ऋतु के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। होली का पर्व दो दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन होलिका जलायी जाती है जिसे होलिका दहन कहते हैं। और दूसरे दिन रंग लगाया जाता है। जिसे रंगवाली होली कहा जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाते है। गले मिलते है। मिठाईयां खिलाते है। और दोपहर के बाद ढोल मजीरा के साथ एक दूसरे के दरवाजे पर जाकर जोगीरा गाते है। और एक दूसरे को होली की बधाई देते है।
आईये जानते है साल 2025 में होली कब है? होलिका दहन का शुभ मुहूर्त कब है। होलिका दहन करने की विधि क्या है। रंगवाली होली कब मनाई जाएगी जानिए सम्पूर्ण जानकरी –
होलिका दहन पूजा विधि
Holika Dahan Puja Vidhi 2025: मित्रो अब होलिका दहन करने की पूजा विधि को भी जान लेते है। जो इस प्रकार है
- होलिका दहन से पहले स्नान आदि से निवित्र होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए और होलिका दहन वाले दिन होलिका पूजा के स्थान पर पूर्व या उत्तर की ओर अपना मुख करके बैठ जाये।
- इसके बाद अपने आस-पास गंगाजल या पानी छिड़कर पवित्र करले। इसके बाद गाय के गोबर से होलिका और भक्त प्रहलाद की प्रतिमाएं बनाएं।
- और पूजा की ताली में रोली, कच्चा सूत, चावल, फूल, साबुत हल्दी, बताशे, फल और एक कलश पानी आदि रखले। इसके बाद भगवान नरसिंह का स्मरण करते हुए प्रतिमाओं पर रोली, मौली, चावल, बताशे और फूल आदि अर्पित करें।
- इसके बाद पूजा का सभी सामान लेकर होलिका दहन वाले स्थान पर लेजाकर अग्नि जलाने से पहले अपना नाम, पिता का नाम और गोत्र का नाम लेते हुए चावल उठाएं।
- और भगवान श्री गणेश का स्मरण करते हुए होलिका पर अक्षत अर्पण करें। इसके बाद भक्त प्रहलाद का नाम लेकर फूल चढ़ाएं। और भगवान नरसिंह का नाम लेते हुए पांच अनाज के दाने चढ़ाएं।
- इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर अक्षत, हल्दी और फूल आदि चढ़ाएं। इसके बाद कच्चा सूत हाथ में लेकर होलिका पर लपेटते हुए परिक्रमा करें।
- और अंत मे गुलाल डालकर चांदी या तांबे के कलश से जल चढ़ाएं। इसके बाद होलिका दहन के समय जितने लोग मौजूद होंगे उनको रोली का तिलक लगाएं और होली की हार्दिक शुभकामनाएं दें।
होलिका दहन की संक्षिप्त कथा
होलिका दहन से जुड़ी अनेक कथाएँ प्रचलित है। उनमें से एक कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप असुरों का राज था उसने घोर तपस्या करके भगवान ब्रम्हा से अजर अमर होने का वरदान प्राप्त किया था। और अपने आप को भगवान कहता था। जो लोग उसे भगवान मानने से इनकार करते थे उसे मरता पिटता था। लेकिन हिरणकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था, लेकिन यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी।
बालक प्रह्लाद को भगवान कि भक्ति से दूर करने के लिए अपनी बहन होलिका को सौंप दिया। होलिका को वरदान था कि अग्नि उसके शरीर को जला नहीं सकती। इसलिए भक्तराज प्रह्लाद को मारने के लिए होलिका ने अपनी गोद में लेकर जलती हुई अग्नि में बैठ गयी। लेकिन प्रह्लाद की भक्ति के प्रताप और भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रह्लाद को आग जला नही पाई। और ख़ुद होलिका ही आग में जल गयी। और असत्य पर सत्य की विजय हुई। तभी से होलीका दहन का त्यौहार मनाया जाने लगा।
होलिका दहन पूजा का शुभ मुहूर्त
Holi 2025 Date And Time: मित्रो अब पूजा करने का शुभ को भी जान लेते है। जो इस प्रकार है।
- अब आप को बतादे की वर्ष 2025 में होली 13 और 14 मार्च को मनाई जाएगी।
- 13 मार्च दिन गुरुवार को होलिका दहन होगा।
- 14 मार्च दिन शुक्रवार को रंगवाली होली खेली जाएगी
- होलिका दहन पूजा का शुभ मुहूर्त : 13 मार्च 2025 को रात्रि 11 बजकर 30 से रात्रि 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
- होलिका दहन की कुल अवधि : केवल 0 घंटे 53 मिनट
- भद्रा पुँछ : शाम 07 बजकर 13 मिनट से लेकर रात्रि 08 बजकर 30 मिनट तक
- भद्रा मुख: रात्रि 08 बजकर 30 मिनट से लेकर रात्रि 10 बजकर 38 मिनट तक
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 13 मार्च 2025 को 10 बजकर 35 मिनट पर
- पूर्णिमा तिथि समाप्त- 14 मार्च 2025 को 12 बजकर 23 मिनट पर