होलाष्टक का महत्व
Holashtak 2025: मित्रो हिन्दू धर्म मे होली पर्व का विशेष महत्व होता है होली सभी प्रमुख त्योहारों में से एक है। हिंदी पंचाग के अनुसार होली का पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि होली से ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है जिसे होलाष्टक कहा जाता है। जो फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर होलिका दहन तक होलाष्टक रहता है। ऐसी मान्यता है की होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। लेकिन होलाष्टक के समय देवी देवताओ की पूजा करना शुभ माना जाता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार होलाष्टक के इन 8 दिनों में अपने आराध्य देवी देवताओ की पूज़ा अवश्य करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है की होलाष्टक के इन 8 दिनों में रखे गए व्रत उपवास और पूजा करने का पुण्य फल कही अधिक प्राप्त होता है। ऐसी मान्यता है कि इन 8 दिनों में धर्म कर्मं के कार्य व अपनी इच्छा अनुसार जरुरत मंदों को वस्त्र अनाज आदि का दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। होलाष्टक के दौरान भगवान भोले नाथ की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है इसलिए होलाष्टक से होली और होलिका दहन की तैयारी शुरू हो जाती है।
होलाष्टक के दौरान क्या ना करे
शास्त्रो के अनुसार होलाष्टक के इन 8 दिनों में कुछ ऐसे कार्य है जिसे भूलकर भी नही करना चाहिए ऐसा करना अशुभ माना जाता है। जैसे
- इन दिनों में 16 संस्कार जेैसे नामकरण संस्कार, जनेऊ, गृह प्रवेश, विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। इस दौरान कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं होता है।
- होलाष्टक के इन 8 दिनों में नया घर खरीदना, भूमि पूजन व नये घर में प्रवेश करने जैसे कार्य भी वर्जित माने जाते है।
- ऐसी मान्यता है की इस समय प्रकति में नकारत्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसीलिए इस समय किसी भी तरह के नए काम की शुरुवात करना शुभ नहीं माना जाता है|
- होलाष्टक के दौरान किसी भी प्रकार का हवन, यज्ञ, करना शुभ नही होता है।
- होलाष्टक के दौरान किसी भी प्रकार का व्यापार, या नये कार्य का शुभारंभ नही करना चाहिए।
- होलाष्टक के दौरान किसी भी प्रकार का गहना भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए।
होलाष्टक के दौरान करे उपाय
Holashtak 2024 Upay: मित्रो आईये जानते है होलाष्टक के दौरान ऐसा कौन सा उपाय है जिसे करने धन, स्वास्थ्य में आ रही परेशानियां दूर होती है जैसे –
- ऐसी मान्यता है की होलाष्टक के दौरान होलिका दहन की राख में नमक और राई मिलाकर घर के किसी गुप्त स्थान पर रख दें। ऐसा करने से घर में होने वाली सभी बाधाएं दूर होती है।
- होलाष्टक के दौरान यदि घर में कोई बीमार रहता है तो उसे होलिका दहन की राख को पूर्णिमा से लेकर पूर्णिमा तक प्रतिदिन एक महीने तक माथे पर लगाने से विमारियों दूर होती है।
होलाष्टक 2025 कब से शुरू
Holashtak 2025 Start Date: मित्रो अब होलिका दहन करने का शुभ मुहूर्त को भी जन लेते है जो एस प्रकार है
- मित्रो अब आप को बतादे हिंदी पंचांग के अनुसार साल 2025 में होलाष्टक 07 मार्च से 13 मार्च तक चलेगा
- होलिका दहन -13 मार्च 2025 दिन गुरुवार को रात्रि 11 बजकर 26 से लेकर रात्रि 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा
- होलिका दहन की कुल अवधि होगी – 01 घंटा 04 मिनट
- रंगवाली होली खेली जाएगी – 14 मार्च दिन शुक्रवार को
- भद्रा पूछ – 06 बजकर 57 मिनट से लेकर 08 बजकर 14 मिनट तक रहेगा
- भद्रा मुख – 08 बजकर 14 मिनट से लेकर 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी – 13 मार्च 2025 सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर
- पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 14 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर