आमलकी एकादशी का महत्व
Amalaki Ekadashi 2025: हिन्दू धर्म मे एकादशी व्रत का हिन्दू धर्म मे विशेष महत्व है। हिन्दू मान्यताओ के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से विशेष फलो की प्राप्ति होती है। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार आमलकी एकादशी का व्रत रखने से सैकड़ो तीर्थ दर्शन करने के समान पूण्य फल प्राप्त होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार आमलकी एकादशी प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाई जाती है।
और इस एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी, आंवला एकादशी आदि नामो से जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी, बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती अपने भक्तों के साथ होली खेलते हैं। इसी दिन से काशी में रंगभरी होली की शुरुवात की जाती है। और आज के दिन भगवान विष्णु जी के साथ आवलें वृक्ष की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि आंवले की पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
आइये जानते है साल 2025 में आमलकी एकादशी कब है ? 09 या 10 मार्च, जानिए दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस व्रत का क्या महत्व है?
आमलकी एकादशी पूजा विधि
Amalaki Ekadashi 2025 Puja Vidhi: आमलकी एकादशी व्रत के दिन व्रती सुबह जल्दी उठकर स्रान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर एकादशी व्रत का संकल्प ले। और पूजा स्थल को अच्छे से साफ सफाई करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की फ़ोटो या मूर्ति स्थापित करे। इसके बाद भगवान विष्णु के समक्ष धूप-दीप जलाये। और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करे। और उन्हें पीले फुल, पिले फल और तुलसी दल अर्पित करे।
इसके बाद आवलें के वृक्ष को सींचकर उसकी भी पूजा करे। इसके बाद घर से एक पात्र में जल भरकर किसी भी शिव मंदिर ले जाए और फिर भगवान शिव को जल अर्पित करे। और उन्हें अबीर, गुलाल, चंदन, भस्म और बेलपत्र चढ़ाये। और अंत में व्रत कथा पढ़कर भगवान शिव जी की आरती करे।
आमलकी एकादशी 2025 पूजा शुभ मुहूर्त
Amalaki Ekadashi 2025 Date Time: अब आप को बतादे की साल 2025 में आमलकी एकादशी 10 मार्च दिन सोमवार को मनाई जाएगी।
एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 09 मार्च 2025 को प्रातःकाल 07 बजकर 45 मिनट पर
एकादशी तिथि समाप्त होगी – 10 मार्च 2025 को प्रातःकाल 07 बजकर 44 मिनट पर
व्रत पारण का शुभ मुहूर्त है – 11 मार्च 2025 को प्रातःकाल 06:35 मिनट से लेकर – प्रातः काल 08 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।