Parshuram Jayanti 2025: धार्मिक मान्यता के अनुसार हिन्दू धर्म में परसुराम जयंती का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष वैसाख मास के शुक्लपक्ष की तृतीया के दिन भगवान परसुराम जी की जयंती मनाई जाती है। इस दिन अक्षय तृतीया का पर्व भी मनाया जाता है। मान्यता है कि आज के दिन ही भगवान विष्णु ने भगवान परसुराम के रूप में छठा अवतार लिया था। इसलिए यह पर्व पुरे भारत में बडी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। परसुराम जयंती के दिन भक्तगण नगर-नगर में भगवान परशुराम की शोभायात्रा भी निकालते है। और पूरी रात्रि जागकर भजन कीर्तन करते है।
मान्यता है कि भगवान परशुराम का जन्म वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को प्रदोषकाल में हुआ था। इसलिए इस दिन जब प्रदोष काल के दौरान तृतीया होती है, तो इसे परशुराम जयंती समारोह के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। आईये जानते है साल 2025 में परसुराम जयंती कब है? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय
परसुराम जयंती पूजा विधि
Parshuram Jayanti Puja Vidhi: परसुराम जयंती के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्य क्रिया से निवित्र होकर स्नान आदि करके साफ व शुद्ध वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प ले। इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से साफ -सफाई करके भगवान परसुराम की मूर्ति या फ़ोटो स्थापित करे। इसके बाद भगवान परसुराम के समक्ष धूप, दीप, अगरबत्ती, फल, फूल, माला आदि अर्पित करे। इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करे और एक मिट्टी के घड़े में जल भरकर कलश की स्थापना करें। इसके बाद नारियल, मोली, अक्षत, चंदन, और पान सुपारी से कलश सजाये इसके बाद भगवान परसुराम की प्रतिमा पर नए वस्त्र अर्पित करे। इसके बाद भगवान परसुराम की आरती करके व्रत कथा पड़े या सुने और अंत मे भगवान परसुराम की आरती करें।
परसुराम जयंती 2025 पूजा शुभ मुहूर्त
Parshuram Jayanti 2025 Date Time: परसुराम जयंती हर साल वैसाख मास के शुक्लपक्ष की तृतीया के दिन मनाई जाती है। साल 2025 में परसुराम जयंती 29 अप्रैल दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।
तृतीया तिथि प्रारम्भ होगी – 29 अप्रैल 2025 को शाम 05 बजकर 31 मिनट पर और तृतीया तिथि समाप्त होगी – 30 अप्रैल 2025 को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर
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परशुराम जयंती उपाय
- परशुराम जयंती के दिन जो भी लोग पकवान बनाकर एक थाली में सजाकर भगवान परसुराम को भोग लगाते है तो भगवान परसुराम अति प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- परसुराम जयंती के दिन जो लोग भगवान परशुराम के सामने घी का दीपक जलाते है। तो उसे यश, प्रतिष्ठा और कीर्ति की प्राप्ति होती है।
- परसुराम जयंती के दिन जो लोग भगवान परसुराम के चरणों मे लेटकर विनती करते है तो उनके रुजे हुए सभी कार्य सिद्ध होने लगते है और उन्हें लाभ की प्राप्ति होती है।