Vishwakarma Puja 2028: हिन्दू धर्म मे विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। विश्वकर्मा पूजा हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रयेक वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। और इसे कन्या संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। विश्वकर्मा पूजा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सितम्बर के महीने पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। इसलिए आज के दिन पुरे भारत वर्ष में पूरे विधि विधान के साथ भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती मनायी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही व्यापार में तरक्की और उन्नति प्राप्त होती है।
इसके अलावा भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से नई ऊर्जा का संचार होता है और व्यापार या निर्माण आदि जैसे कार्यों में आने वाली मशीनें, वाहन आदि कभी खराब नहीं होते हैं। इसलिए विश्वकर्मा पूजा लगभग सभी दफ्तरों में, कार्यालयों में, बड़ी बड़ी उद्योग फैक्टरियों में, वर्क साँप में, दुकानों और घरों में मनाया जाता है। आइये जानते है साल 2028 में विश्वकर्मा पूजा कब है? 16 या 17 सितम्बर, जानिए पूजा की सही तिथि, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय
2028 विश्वकर्मा पूजा कब है? Vishwakarma Puja 2028 Date Time
| व्रत त्यौहार | व्रत त्यौहार समय |
|---|---|
| विश्वकर्मा पूजा | 16 सितम्बर 2028, दिन शनिवार |
विश्वकर्मा पूजा विधि Vishwakarma Puja Vidhi
विश्वकर्मा पूजा के दिन स्नान आदि करके साफ व शुद्ध वस्त्र पहन कर पूजा स्थल पर एक चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को स्थापित करें।इसके बाद जल या गंगाजल से भरे कलश में हल्दी और चावल को चढ़ाकर कलश में रक्षासूत्र बांधकर कलश पर स्वास्तिक चिन्ह बनाकर कलश की स्थापना करें।
और स्थापित प्रतिमा पर हल्दी अक्षत और रोली लगाकर भगवान विश्वकर्मा को अक्षत, फूल, चंदन, धूप, अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी,रक्षा सूत्र, मिठाई, और फल आदि अर्पित करके धूप दीप से आरती करें। और पूजा के दौरान “ॐ विश्वकर्मणे नमः” मंत्र का उच्चारण करें। उसके बाद सभी को प्रसाद वितरित करें। ऐसा करने से भगवान विश्वकर्मा की कृपा से व्यापार में वृद्धि होती है।
विश्वकर्मा पूजा के नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों की साफ सफाई करके उनकी पूजा करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार विश्वकर्मा पूजा के दिन किसी भी असहाय ब्राम्हण या किसी भी गरीब व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दक्षिणा जरूर देना चाहिये।
ऐसी मान्यता है कि जो लोग आज के दिन यानी कि विश्वकर्मा पूजा के दिन पूरे विधि विधान के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना करते है। उनके कारोबार में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होती है।
विश्वकर्मा पूजा के दिन क्या ना करे
धार्मिक मान्यता के अनुसार यदि भगवान विश्वकर्मा को प्रसन्न करना चाहते है तो कुछ ऐसे कार्य है जिसे भूलकर भी नही करना चाहिए जैसे –
मित्रो ऐसी मान्यता है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे – मांस, मछ्ली, शराब आदि।
ऐसी मान्यता है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन किसी भी औजार को इधर उधर भूलकर भी नही फेकना चाहिए। यदि जो लोग इस करते है उन लोगों को भगवान विश्वकर्मा के क्रोध के भागीदार हो सकते है।
ऐसी मान्यता है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन किसी भी पुराने औजार या काम मे नही आने वाला औजार को भूलकर भी इधर उधर ना फेके। ऐसा करने से भगवान विश्वकर्मा का अपमान होता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार विश्कर्मा पूजा के दिन किसी भी पेड़ पौधों को नही काटना चाहिए। जो लोग ऐसा करते है उनपर भगवान विश्वकर्मा क्रोधित हो जाते है।
