Vakratunda Sankashti Chaturthi 2026: कार्तिक संकष्टी चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। इस दीन भगवान गणेश जी पूजा अर्चना की जाती है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्ठी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। कार्तिक मास में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी को वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत भी रखती है। और इस दिन भगवान शिव माता पार्वती के साथ करवा माता की पूजा अर्चना करती है
ऐसी मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने और व्रत रखने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। और भगवान गणेश की कृपा सदैव बनी रहती है। और साथ ही जीवन की सभी परेशानिया दूर होती है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में आने वाली वर्ततुण्ड संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से हजार अश्वमेघ यज्ञ करने जितना फल की प्राप्ति होती है और पुत्र सुख की प्राप्ति होती हैं। आइए जानते है साल 2026 में कार्तिक मास की वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है? 28 या 29 अक्टूबर, जाने सही तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और इस दिन किये जाने वाला उपाय –
वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
Vakratunda Sankashti Chaturthi Puja Vidhi: वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रती को शुभ मुहूर्त उठकर दैनिक क्रिया करके स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प ले। और पूजा स्थल को अच्छे से साफ सफाई करके गंगा जल का छिड़काव करें। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर पीले या लाल रंग का कपड़ा विछाकर उसपर भगवान गणेश जी प्रतिमा या फ़ोटो स्थापित करे। इसके बाद घी का दीपक जलाएं इसके बाद भगवान गणेश जी को पुष्प माला अर्पित करे। इसके बाद 108 दूर्वा की गांठे और सिन्दूर, अच्छत और लडडू, फल आदि का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए आरती करें। और संकष्टी चतुर्थी व्रत की कथा पड़े या सुने। इसके बाद भगवान गणेश जी के मंत्रो का जाप करते हुए व्रत का पारण करे।
वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी व्रत उपाय
Vakratunda Sankashti Chaturthi Vrat Upay: वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा की माला अर्पित करें। और उन्हें घी और गुड़ का भोग लगाएं। और भगवान गणेश से धन प्राप्ति या रुके हुए धन को वापस पाने की प्रार्थना करें और पूजा समाप्त होने के बाद घी और गुड़ किसी गाय को खिला दें या फिर जरूरतमंदों में वितरित कर दें।
धार्मिक मान्यता के अनुसार यदि जीवन में किसी भी तरह का कष्ट है। तो उसे दूर करने के लिए भगवान गणेश जी के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं। इसके अलावा जितनी आपकी उम्र हो उतने लड्डू भी इस दिन की पूजा में शामिल करें। फिर पूजा करने के बाद एक लड्डू खुद खाएं और बाकी लोगों में बांट दें। इसके अलावा भगवान सूर्यनारायण के सूर्यअष्टक का 3 बार पाठ करें।
2026 में वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी कब है: Vakratunda Sankashti Chaturthi 2026 Date
Vakratunda Sankashti Chaturthi 2026 Date: हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्ठी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। जो इस साल 2026 में कार्तिक मास में आने वाली संकष्टी चतुर्थी व्रत 29 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी – 29 अक्टूबर 2026 को सुबह 01 बजकर 06 मिनट पर
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 29 अक्टूबर 2026 को रात 10 बजकर 09 मिनट पर
- चंद्रोदय का समय है – शाम 08 बजकर 11 मिनट पर
