Somvati Amavasya 2030: कब है सोमवती अमावस्या 2030 में, नोट करले, डेट टाइम, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व उपाय

Somvati Amavasya 2030: हिन्दू धर्म मे सोमवती अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती है। और पीपल के पेड़ की परिक्रमा करती है। इस दिन व्रत रखने पूजन करने की और पित्रो के निर्मित तर्पण करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन दान पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। जब भी अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है।

मान्यता है कि सोमवार का दिन भगवान शिव और माता पार्वती का दिन माना जाता है। इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव जी और माता पार्वती जी का विधि विधान के साथ पूजा करने और व्रत रखने से सुहाग की आयु लम्बी होती है। और साथ ही सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है। आइये जानते है साल 2030 में सोमवती अमावस्या कब कब पड़ेगी? जानिए सही डेट टाइम, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन क्या करना चाहिए क्या नही करना चाहिए?

2030 में सोमवती अमावस्या सूची Somvati Amavasya 2030 List

पहली सोमवती अमावस्या

व्रत त्यौहारव्रत त्यौहार समय
सोमवती अमावस्या04 मार्च 2030, दिन सोमवार
अमावस्या तिथि प्रारम्भ03 मार्च 2030, दोपहर 12:01 मिनट पर
अमावस्या तिथि समाप्त04 मार्च 2030, दोपहर 12:04 मिनट पर

दूसरी सोमवती अमावस्या

व्रत त्यौहरव्रत त्यौहार समय
सोमवती अमावस्या25 नवम्बर 2030, दिन सोमवार
अमावस्या तिथि प्रारम्भ24 नवम्बर 2030, दोपहर 03:49 मिनट पर
अमावस्या तिथि समाप्त25 नवम्बर 2030, दोपहर 12:15 मिनट पर

सोमवती अमावस्या पूजा विधि Somvati Amavasya Puja Vidhi

सोमवती अमावस्या के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें। पवित्र नदी में स्नान करना और भी शुभ माना जाता है। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और सूर्य मंत्रों का जाप करें। शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा, और पुष्प अर्पित करके शिव जी की पूजा करें। शिव पूजा के बाद पीपल, तुलसी, वट, आंवला आदि पेड़ लगाएं और इन पेड़ों का पूजन करें, साथ ही इनमें से किसी भी एक पेड़ की परिक्रमा करें।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शादीशुदा स्त्रियां इस दिन विशेष रूप से पीपल के पेड़ की विधि-विधान से पूजा और परिक्रमा करती है। जिससे वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं और विवाह में देरी हो रही हो तो शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। साथ ही, इस दिन सप्तधान्य का दान करना नवग्रहों की शांति और कृपा के लिए शुभ माना जाता है। दोपहर के समय जल में काला तिल, कुश, और फूल डालकर पितरो के निर्मित तर्पण करे।

सोमवती अमावस्या पर क्या करे

धार्मिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से जीवन मे आ रही परेशानी को दूर किया जा सकता है। और कुछ ऐसी चीजे होती है जिसे सोमवती अमावस्या के दिन विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे –

सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। और भगवान सूर्य देव को अर्घ जरूर देना चाहिए। इसके अलावा इसदिन दान करना सबसे उत्तम माना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन किसी गरीब असहाय को कुछ जरूरी चीजो का दान जरूर करना चाहिए।

सोमवती अमावस्या के दिन अपने पित्रो का पिड़दान जरूर करना चाहिए। और इस दिन गायत्री मंत्र और पूर्वजो को समर्पित मंत्र का जाप करना चाहिए। और इस दिन भगवत गीता ग्रन्थ का पथ करना चाहिए।

सोमवती अमावस्या के दिन धार्मिक कार्य और पूजा पाठ में विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। और अपने से बड़ो का सम्मान करना चाहिए। बल्कि सभी लोगो से सम्मान पूर्वक व्यवहार करना चाहिए।

सोमवती अमावस्या के दिन किसी भी मंदिर में जाकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए। और इस दिन आटे की गोलियां बनाकर खिलना चाहिए।

सोमवती अमावस्या पर क्या ना करे

सोमवती अमावस्या के दिन मांसाहारी भोजन नही करना चाहिए और शराब पीना चाहिए। और ना ही इस दिन सरसो का साग, मूंग, मसूर की दाल खाना चाहिए।

सोमवती अमावस्या के दिन किसी भी छोटे बड़े जीव जंतु को मारना पीटना या फिर किसी भी प्रकार से उनको परेसान नही करना चाहिए। और नाही सोमवती अमावस्या के दिन किसी भी सुख कार्यो को नही करना चाहिए।

सोमवती अमावस्या के दिन देर रात त दिन नही सोना चाहिए। बल्कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर और पूजा पाठ करना चाहिए। और इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।

सोमवती अमावस्या उपाय

सोमवती अमावस्या के दिन घर के ईशानकोण में घी का दीपक जलाएं। ध्यान रखें की ये दीपक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक जलता रहे। इस दिन घी के दीपक में केसर और लौंग के 2 दाने डालकर जलाने से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और आर्थिक तंगी दूर करने में मदद मिलती है।

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