Shravan Masik Durga Ashtami 2026: अगस्त 2026 में श्रावण मासिक दुर्गा अष्टमी कब है? नोट करले डेट टाइम, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व उपाय

Shravan Masik Durga Ashtami 2026: हिन्दू धर्म मे मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत बहुत ही खास मानी जाती है। यह व्रत हर माह शुक्लपक्ष की अष्टमी के दिन रखा जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन माता दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। और इसे मासिक दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी। माना जाता है कि श्रावण मास में व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मासिक दुर्गाष्टमीमाता दुर्गा को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा मासिक दुर्गा अष्टमी का करने से सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। आइये जानते है। साल 2026 में श्रावण मास में आने वाली दुर्गा अष्टमी कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, पूजा विधि क्या है और इस दिन माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए क्या उपाय करना चाहिए।

2026 में श्रावण मासिक दुर्गाष्टमी कब है? Shravan Masik Durga Ashtami 2026 Date

व्रत त्यौहार के नामव्रत त्यौहार की तिथि
श्रावण मासिक दुर्गाष्टमी व्रत20 आगस्त 2026, गुरुवार को मनाई जाएगी
अष्टमी तिथि प्रारम्भ होगी19 आगस्त 2026, शाम 07:19 मिनट पर
अष्टमी तिथि समाप्त होगी20 आगस्त 2026, रात 09:18 मिनट पर

श्रावण मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

श्रावण मासिक दुर्गाष्टमी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़ा पहनकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थल को अच्छे से साफ सफाई करके या पूजा घर को गंगा जल छिड़कर शुद्ध करले। इसके बाद पूजा स्थल पर एक लकड़ी की चौकी लेकर उसपर लाल वस्त्र बिछाकर माता दुर्गा की मूर्ति या फ़ोटो स्थापित करे। इसके माता दुर्गा को सभी पूजा की सामग्री अर्पित करे इसके बाद माता दुर्गा को लाल रंग का पुष्प अर्पित करे। और माता दुर्गा को फल और मिठाई का भोग लगाएं।

इसके बाद धूप दीप जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करे और माता दुर्गा के विभिन्न मंत्रो का जाप करे। और दुर्गा चालीसा का पाठ करें और सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते” या “ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते” मंत्र का 108 बार जाप करें। और पूजा के अंत मे रात्रि जागरण करते हुए माता दुर्गा की आरती करें इसके बाद पूरे परिवार में प्रसाद बाटकर पूजा समाप्त करे।

मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत के नियम

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सात्विक भोजन करें। और पूरे दिन व्रत रहें और शाम को फलाहार करें। और दुर्गा अष्टमी व्रत के दिन भूलकर भी मांसहार, प्याज और लहसुन का सेवन न करें। और हो सके तो इस दिन नमक का सेवन भी ना करे बल्कि सेंधा नमक का प्रयोग करे।

मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत के उपाय

अगर आप अपनी मनचाही मनोकामना पूरी करना चाहते हैं, तो मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा को कुछ उपाय है जिसे करके आप माता को प्रसन्न कर सकते है।

दुर्गाष्टमी व्रत के दिन पूजा के दौरान सच्चे मन से मां दुर्गा को लौंग और फूल माला चढाने से माता दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी मुरादें पूरी होती हैं। 

दुर्गाष्टमी के दिन आपको देवी दुर्गा के इस मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए। मंत्र है- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। मंत्र जप के बाद मां दुर्गा को इलायची का भोग लगाना चाहिए। 

Leave a Comment

error: Content is protected !!