Saphala Ekadashi 2030: हिंदी पंचांग के अनुसार साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। जो सभी भगवान विष्णु को समर्पित है। एकादशी व्रत हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। हिन्दू धर्म में सफला एकादशी व्रत का विशेष महत्व बतलाया गया है। यह एकादशी किसी भी कार्य मे सफलता दिलाने वाली मानी गयी है।
यह एकादशी कभी-कभी साल के अंत मे तो कभी-कभी साल के शुरू में ही पड़ती है। सफला एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन कार्यो में सफलता पाने के लिए भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। सफला एकादशी हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष पौष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत करने से सभी शुभ कार्यों में सिद्धि का आशीर्वाद मिलता है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। और जीवन मे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। और घरों में खुशियों का आगमन होता है। आइये जानते है साल 2030 में सफला एकादशी कब मनाई जाएगी? जानिए सही दिन तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत पारण और इस दिन किये जाने वाले उपाय
सफला एकादशी 2030 कब है? Saphala Ekadashi 2030 Date Time Muhurat
| व्रत त्यौहार | व्रत त्यौहार समय |
|---|---|
| सफला एकादशी | 21 दिसम्बर 2030, शनिवार |
| एकादशी तिथि प्रारम्भ | 20 दिसम्बर 2030, दोपहर 02:49 मिनट पर |
| एकादशी तिथि समाप्त | 21 दिसम्बर 2030, दोपहर 12:32 मिनट पर |
| व्रत पारण | 22 दिसम्बर 2030, सुबह 07:10 से सुबह 09:14 मिनट तक |
सफला एकादशी पूजा विधि Saphala Ekadashi 2030 Puja Vidhi
सफला एकादशी के दिन व्रती सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निवित्र होकर स्रान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प ले। फिर पूजा स्थल या पूजा मंदिर को अच्छे से साफ-सफाई करके पूजा स्थल पर एक लकड़ी की चौकी रखे। सबसे पहले भगवान विष्णु को स्नान कराये और वस्र अर्पित करे और उन्हें चंदन, पीले फल-फूल, तुलसी के पत्ते और माला आदि अर्पित करें।
इसके पच्यात भगवान विष्णु को पीली चीजों का भोग लगाएं और भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीपक जलाएं और विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इसके बाद एकादशी व्रत कथा सुनें और पूजा के अंत मे भगवान विष्णु की आरती करे। और अगले दिन द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण करे।
सफला एकादशी व्रत उपाय
ऐसी मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से मनचाहा फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए अचला सप्तमी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय किया जाता है जैसे –
शास्त्रों के अनुसार सफला एकादशी के इस दिन सुबह या शाम में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा भगवान विष्णु को पंचामृत या गाय के दूध से अभिषेक करने के बाद भगवान विष्णु को भोग में तुलसी फत्र अर्पित करना शुभ होता है।
ऐसी मान्यता है कि यदि आप सफला एकादशी के दिन किसी नए काम की शुरुआत करने जा रहे हैं। तो उसे शुरू करने से पहले गाय को गेहूं के आटे से बनी रोटी पर गुड़ रखकर खिलाने से आप मे कार्यो में सफला मिलेगी।
यदि सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की दिन और रात ध्यान करते हुए रात्रि जागरण और भजन कीर्तन करने से घर मे सुख शांति आती है और घर मे लक्ष्मी का निवास रहता है।
सफला एकादशी व्रत में क्या खाएं क्या नही
वैसे से किसी भी व्रत में कुछ भी कहना पीना नही चाहिए बल्कि पूरे दिन निर्जल उपवास रखना चाहिए। लेकिन यदि आप खाना चाहते है तो सफला एकादशी व्रत के दिन दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च सेंधा नमक, राजगीर का आटा आदि चीजों का सेवन कर सकते है। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखे कि व्रत से एक दी पहले से ही तामसिक भोजन भुलकर भी नही करना चाहिए।
