Rishi Panchami 2026: कब है ऋषि पंचमी, जाने सही तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि

Rishi Panchami 2026: हिन्दू धर्म मे ऋषि पंचमी का विशेष महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जाता है। वैसे तो आमतौर पर यह व्रत हर साल गणेश चतुर्थी के अगले दिन और हरताविका तीज व्रत के ठीक दूसरे दिन मनाया जाता है। शास्त्रो के अनुसार यह व्रत महिलाओं के लिए अटल सौभाग्य प्राप्त करने वाला व्रत माना जाता है। ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषियों के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऋषि पंचमी के दिन व्रत को रखने से जाने अनजाने में किये गए पापों से मुक्ति मिलती है। ऋषि पंचमी के दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है।

ऐसी मान्यता है कि लगातार सात वर्ष तक ऋषि पंचमी के दिन व्रत रख कर आठवें वर्ष में सात सोने की मूर्तियां बनवाकर और उनका पूजन करके सात गोदान तथा सात युग्मक-ब्राह्मण को भोजन कराकर सप्त ऋषियों की प्रतिमाओं का विसर्जन करना चाहिए। और इस दिन अगर कोई महिला महावारी के दौरान नियम तोड़ दे तो वह ऋषि पंचमी के दिन सप्ता ऋषि की पूजा करके अपनी भूल सुधारने के बाद दोष मुक्त हो सकती है। आईये जानते है साल 2026 में ऋषि पंचमी का व्रत कब रखा जाएगा ? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाला उपाय

ऋषि पंचमी पूजा विधि

ऋषि पंचमी के दिन सप्तऋषियों की पूजा की जाती है। ऋषि पंचमी का व्रत शुद्ध मन से करने पर व्यक्ति के सारे दुख दूर हो जाते हैं। और महिलाओं को अटल सौभाग्य की प्रान्ति होती है। ऋषि पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवित्र होकर व्रती महिलाएं सप्तऋषि की प्रतिमा बनाती है।

उसके बाद कलश की स्थापना करती है कलश स्थापना करने के बाद हल्दी, कुमकुम,वदन, पुष्प और अक्षत से पूजा करती है। इसके बाद धूप-दीप जलाकर, सप्तऋषियों को फल का भोग लगाती है। यदि संभव हो तो इस दिन महिलाओ को अनाज का सेवन नही करना चाहिए। बल्कि इस व्रत में फलाहार का सेवन करे, इस व्रत में विधि-विधान से सप्तऋषियों की पूजा के बाद ऋषि पंचमी व्रत कथा सुने या पढ़ें।

ऋषि पंचमी का उपाय

  • ऋषि पंचमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकरं स्नान करे और पीले वस्त्र पहनकर भगवान गणेश को हरी इलायची अर्पण करके उनके समक्ष घी का दीपक जलाने से न सिर्फ जीवन में शुभता बढ़ती है। बत्कि भगवान गणेश जी के आशीर्वाद से व्यक्ति को रिद्धि सिद्दी की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है की जो भी लोग ऋषि पंचमी के दिन व्रत करके इस उपाय को करता है तो उसे सभी सुख वैभव और धन धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इसे भी पढ़ो – Santan Saptami 2026: कब है संतान सप्तमी 2026 में, नोट करे पूजा मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

  • ऐसी मान्यता है कि ऋषि पंचमी के दिन किसी देवी देवता की पूजा नही की जाती है बल्कि इस दिन सप्तऋषियों का पूजन किया जाता है।
  • धार्मिक मान्यता है कि ऋषि पंचमी का व्रत सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुआरी लडकिया भी इस व्रत को रखती है। बल्कि यह मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए नही किया जाता है बल्कि इसका विशेष प्रयोजन होता है।

Rishi Panchami 2026 कब है?

हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जाता है। साल 2026 में ऋषि पंचमी 15 सितम्बर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।

पंचमी तिथि शुरू होगी : 15 सितंबर 2026 को सुबह 07 बजकर 44 मिनट पर

पंचमी तिथि समाप्त होगी : 16 सितंबर 2026 को सुबह 08 बजकर 59 मिनट पर

ऋषि पञ्चमी पूजा शुभ मुहूर्त है – सुबह 11 बजकर 02 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
पूजा की कुल अवधि है – 02 घण्टे 28 मिनट

Leave a Comment

error: Content is protected !!