Ranga Panchami 2030: रंग पंचमी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित होता है। रंग पंचमी प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह रंग पंचमी होली के 5 दिन बाद पड़ती है। रंगपंचमी विशेष रूप से मध्य प्रदेश, गुजरात ,महाराष्ट्र और मथुरा वृंदावन और अन्य कई राज्यो में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पंचमी तिथि होने के कारण इसे रंगपंचमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग राधा-कृष्ण को अबीर गुलाल चढ़ाते हैं। तो वही भारत के कुछ हिस्सों में रंगपंचमी के दिन रंगों का जूलूस भी निकाला जाता है। और एक दूसरे पर अबीर गुलाल उड़ाते है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पंचमी तिथि को लोग गुलाल को हवा में उड़ाकर भगवान को रंग अर्पित करते हैं। माना जाता है कि उड़ते गुलाल से देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. साथ ही हवा में गुलाल और रंग फेंकने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है। रंग पंचमी के दिन मांता लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है, इसलिए इस दिन को श्रीपंचमी भी कहा जाता है। रंग पंचमी के दिन यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो आर्थिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है। आईये जानते है इस साल Ranga Panchami 2030 Mein Kab Hai 23 या 24 मार्च, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि महत्व और इस दिन किये जाने वाले उपाय –
रंग पंचमी 2030 कब है Ranga Panchami 2030 Date Time
| व्रत त्यौहर | व्रत त्यौहार समय |
|---|---|
| रंग पंचमी | 24 मार्च 2030, दिन रविवार |
| पंचमी तिथि प्रारम्भ | 23 मार्च 2030, सुबह 11:16 मिनट पर |
| पंचमी तिथि समाप्त | 24 मार्च 2030, सुबह 08:32 मिनट पर |
रंग पंचमी पूजा विधि Ranga Panchami Puja Vidhi
रंग पंचमी के दिन माता लक्ष्मी और भगवान श्रीहरि की कमल पर बैठे हुए एक तस्वीर को उत्तर दिशा में एक चौकी पर रखें. तस्वीर के साथ ही तांबे के कलश में पानी भरकर रखें। जिसके बाद घी का दीपक जलाकर भगवान को गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें। खीर, मिश्री और गुड़ चने का भोग लगाएं. इसके बाद आसन पर बैठकर ॐ श्रीं श्रीये नमः मंत्र का जाप कमलगट्टे की माला से करें। विधिवत पूजन के बाद आरती करें और कलश में रखें। जल को घर के हर कोने में छिड़कें. जिस स्थान पर धन रखा जाता है, वहां भी छिड़कें. इससे धन के रास्ते खुलेंगे और बरकत होने लगेगी।
रंग पंचमी उपाय Rang Panchami Upay
माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है. यदि आर्थिक समस्याओं को दूर करना है तो मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना जरूरी है। इस दिन जल में गंगाजल और एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। पूजा के दौरान माता लक्ष्मी की नारायण के साथ वाली तस्वीर रखें और उन्हें गुलाब के पुष्प या माला जरूर अर्पित करें। पूजन के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। अर्घ्य के दौरान जल में रोली, अक्षत के अलावा शहद जरूर डालें। रंग पंचमी के दिन एक नारियल पर सिंदूर छिड़क कर उसे किसी शिव मंदिर में जाकर महादेव को अर्पित करें। इसके अलावा तांबे के लोटे में जल लेकर इसमें मसूर की दाल डालकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
रंग पंचमी के दिन कमल के फूल पर विराजमान माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की मूर्ति या फ़ोटो घर की उत्तर दिशा में स्थापित कर करे। और जल का कलश भर कर रख लें फिर विधि-विधान से उनकी पूजा करें। माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को तरह-तरह के फूल और गुलाल अर्पित करें फिर माखन-मिश्री का भोग लगाएं,आरती करें। आखिर में कलश में रखा जल पूरे घर में छिड़क दें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी एवं धन आगमन के योग बनेंगे।
