Narak Chaturdashi 2024: कब है नरक चतुर्दशी 2024 में, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, उपाय

Narak Chaturdashi 2024: हिन्दू धर्म मे नरक चतुर्दशी व्रत पूजा का विशेष महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार नरक चतुर्दशी हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। जिसे नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी या फिर छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। नरक चतुर्दशी दीवाली से एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद मनाया जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता भगवान यमराज की पूजा करने का विधान है। नरक चतुर्दशी को दीपावाली से ठीक एक दिन पहले मनाये जाने की वजह से इस नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहा जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय चौमुखी दीये जलाए जाते हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान यमराज की पूजा करके अकाल मृत्यु से मुक्ति और बेहतर स्वास्थ्य की कामना की जाती है। इसके अलावा नरक चौदस के दिन प्रात: काल सूर्य उदय होने से पहले शरीर पर तिल्ली का तेल लगाकर (मलकर) और अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियां पानी में डालकर स्नान करने से नरक के भय से मुक्ति मिलती है और मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

आइए जानते है साल 2024 में नरक चतुर्दशी कब है 30 या 31 अक्टूबर, जानिए सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और इस दिन किये जाने वाला उपाय –

नरक चतुर्दशी पूजा विधि और उपाय

Narak Chaturdashi 2024 Puja Vidhi: अब नरक चतुर्दशी पूजा करने की विधि को भी जान लेते है। जो इस प्रकार है।

  • नरक चतुर्दशी के दिन सबसे पहले प्रात:काल उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर किसी भी पवित्र गंगा नदी में स्नान करें।
  • यदि आप के आस-पास कोई गंगा नदी नही है तो किसी भी पोखर या तालाब में स्नान कर सकते है। क्योकि सूर्य उदय से पहले स्नान करने का विशेष महत्व होता है।
  • धार्मिक मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दीन शरीर पर तिल के तेल से मालिश करके, चिरचिरी के पत्ते को सिर के ऊपर से चारों ओर 3 बार घुमाकर स्नान करना चाहिए।
  • ऐसी मान्यता है कि नरक चतुर्दशी से पहले कार्तिक कृष्ण पक्ष की अहोई अष्टमी के दिन एक लोटे में पानी भरकर रखा जाता है। और नरक चतुर्दशी के दिन इस लोटे का जल नहाने के पानी में मिलाकर स्नान किया जाता है।
  • ऐसा करने से नरक के भय से मुक्ति मिलती है। इसके बाद नरक चतुर्दशी के दिन स्नान आदि करने के बाद दक्षिण दिशा की ओर हाथ जोड़कर भगवान यमराज से प्रार्थना करें।
  • ऐसा करने से मनुष्य द्वारा वर्ष भर किए गए पापों का नाश हो जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन भगवान यमराज को तेल का दीया घर के मुख्य द्वार से बाहर की ओर जरूर जलाना चाहिए।
  • क्योकि नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय सभी देवताओं की पूजा करने के बाद तेल के दीपक जलाकर घर की चौखट के दोनों ओर और घर के बाहर व कार्य स्थल के प्रवेश द्वार पर रख दें।
  • ऐसा करने से लक्ष्मी जी सदैव घर में निवास करती हैं। और नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा जरूर करनी चाहिए। क्योकि ऐसा करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है।
  • ऐसी मान्यता है कि नरक चतुर्दशी की मध्य रात्रि में घर में जो बेकार का सामान पड़ा है उसे घर से निकाल कर फेंक देना चाहिए। ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है। और इसी इस परंपरा को दारिद्रय भगाना कहा जाता है।
  • ऐसी मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के अगले दिन दीपावली पर लक्ष्मी जी घर में प्रवेश करती है, इसलिए दरिद्रय को भगाकर यानि गंदगी को घर से निकाल माता लक्ष्मी को घर मे आने के लिए स्वागत किया जाता है।

नरक चतुर्दशी 2024 पूजा मुहूर्त

Narak Chaturdashi 2024 Date: अब नरक चतुर्दशी पूजा करने का शुभ मुहूर्त को भी जान लेते है। जो इस प्रकार है।

  • अब आप को बतादे की साल 2024 में नरक चतुर्दशी 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।
  • और इस दिन अभ्यंग स्नान करने का समय है सुबह 05 बजकर 18 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।
  • स्नान करने की कुल अवधि है 1 घंटा 13 मिनट
  • कार्तिक चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर
  • कार्तिक चतुर्दशी तिथि स्माप्त होगी : 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर

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