Mokshada Ekadashi 2027: मोक्षदा एकादशी 2027 में कब है, नोट करले, पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, उपाय

Mokshada Ekadashi 2027: हिन्दू धर्म मे मोक्षदा एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। मोक्षदा एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत का युद्ध होने से पहले ही अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस एकादशी को गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ माना जाता है।

ऐसी मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है। और अनन्त गुना फल की प्राप्ति होती है। और पूर्वजो को स्वर्ग तक पहुंचने में मदत मिलती है। अब आइये जानते है साल 2027 में मोक्षदा एकादशी कब है? 09 या 10 दिसम्बर, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय –

मोक्षदा एकादशी 2027 कब हैं Mokshada Ekadashi 2027 Date Time Muhurat

व्रत त्यौहारव्रत त्यौहार समय
मोक्षदा एकादशी09 दिसम्बर 2027, दिन गुरुवार
एकादशी तिथि प्रारम्भ09 दिसम्बर 2027, सुबह 02:58 मिनट
एकादशी तिथि समाप्त10 दिसम्बर 2027, सुबह 03:19 मिनट पर
एकादशी व्रत पारण मुहूर्त10 दिसम्बर 2027, दोपहर 01:16 से 03:20 मिनट तक

मोक्षदा एकादशी पूजा विधि

मोक्षदा एकादशी के दिन व्रती सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निवित्र होकर गंगा नदी में स्नान आदि करके भगवान सूर्य देव को जल का अर्घ दे। इसके बाद एकादशी व्रत का संकल्प ले। इसके बाद पूजा स्थल को अच्छे से साफ-सफाई करके एक लकड़ी की चौकी पर पिला वस्त्र विछाकर उसपर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करे। इसके पच्चात घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

और फिर भगवान विष्णु को गंगा जल से अभिषेक करें और भगवान विष्णु को पीले फल फूल, वस्र, भोग और तुलसी दल आदि अर्पित करें। संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। और पूजा के अंत में व्रत कथा पढ़े या फिर सुने इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करे। और पूजा के अंत मे विष्णु मंत्रो का जाप करते हुए इनकी आरती करें। ऐसी मान्यता है कि इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।

मोक्षदा एकादशी व्रत उपाय

धार्मिक मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद राधा-कृष्ण के मंदिर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को गेंदे की माला अर्पित करने से व्रती के जीवन मे सुख-समृद्धि का वास होता है। और भगवान श्री कृष्ण की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

ऐसी मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन किसी भी जरूरतमंद ब्राम्हड़ को या किसी भी निर्धन व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीली चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।

मोक्षदा एकादशी के दिन माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करके तुलसी पर घी का दीपक जलाकर तुलसी 21 बार परिक्रमा करते हुए ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करने से माता लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होकर आपके करियर में सफलता प्रदान करती हैं।

मोक्षदा एकादशी के दिन व्रती को भूलकर भी मांस, मछली, अंडा और लहसुन, प्याज, आदि का सेवन नही करना चाहिए। और नाही व्रती को देर तक सोना चाहिए। और किसी के साथ बाद विवाह नही करना चाहिए। और नाही इस एकादशी के दिन कोई भी गलत काम करना चाहिए और ब्रमचर्य का पालन करना चाहिए।

मोक्षदा एकादशी 2028

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