Margsheersha Amavasya 2026: मार्गशीर्ष अमावस्या कब है, जाने डेट टाईम, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व उपाय

Margsheersha Amavasya 2026: हिन्दू धर्म मे अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। यह अमावस्या पितरो को मोक्ष दिलाने वाली मानी जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाती है। और इसे अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, स्नान, दान-धर्म करने का विधान है।

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन व्रत रखने से समस्याओं का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते साल 2026 में मार्गशीर्ष अमावस्या कब है? 08 या 09 दिसम्बर, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय

मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक क्रिया करके स्नान आदि करले इसके बाद भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करे। और मार्गशीर्ष अमावस्या व्रत का संकल्प ले इसके बाद पूजा स्थल या घर के मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति या फ़ोटो स्थापित करे। और भगवान विष्णु के समक्ष फल, फूल माला अर्पित करे। इस दिन गंगा स्नान का अधिक महत्व होता है।

इसलिए आज के दिन गंगा स्नान जरूर करें। अगर आप स्नान करने के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें। इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना चाहिए। अमावस्या के दिन अपने सामर्थ के अनुसार दान दक्षिणा जरूर देना चाहिए। इसके अलावा पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध आदि जरूर करना चाहिए।

मार्गशीर्ष अमावस्या पर करे उपाय

धार्मिक मान्यता के अनुसार यदि मार्गशीर्ष मास की अमावस्या पर कुछ धार्मिक उपाय किये जाय तो जीवन में सुख-शांति आती है जैसे-

  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्रान करके पितरो के नाम से दान-पुण्य व भोजन अर्पित करने से पितृजन अति प्रसन्न होते है।
  • यदि मार्गशीर्ष मावस्या के दिन तांबे के लोटे में गंगाजल डालकर उसमे लाल चंदन, लाल फूल मिलाकर ऊँं घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से दरिद्रता दूर होती है।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन प्रातःकाल किसी भी पवित्र नदी, तालाब या कुंड में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। स्नान के बाद बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें व गायत्री मंत्र का पाठ करें।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ में थोड़ा सा कच्छ दूध, गंगा जल, काला तिल, चीनी के दाने, चावल और पुष्प अर्पित करने के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव का पूजन करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन शाम के समय घर के इसान कोण में गाय के घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और सुख समृद्धि प्रदान करती है।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पूजा-पाठ करने के बाद किसी भी भूखे व्यक्ति को भोजन कराए। और अंत मे किसी भी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को दान दक्षिणा जरूर देना चाहिए।

मार्गशीर्ष अमावस्या पर क्या ना करे

मार्गशीर्ष अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। यह महीना माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय है। इसलिए इसमें लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि मार्गशीर्ष मास की अमावस्या पर लक्ष्मी पूजन और व्रत करने से पापों का नाश होता है। इसलिए आज के दिन भूलकर भी कुछ ऐसे कार्य है जिसे नही करना चाहिए जैसे –

  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन मांस, मछली, मदिरापान, लहसुन,प्याज, धूम्रपान आदि का सेवन नही करना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी और पितर नाराज हो जाते है।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन किसी भी अपने से बड़े लोगों का भी अपमान नहीं करना चाहिए। बल्कि बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन रात के समय श्मशान के पास से बिल्कुल नहीं गुजरना चाहिए। क्योंकि इस दिन नकारात्मक ऊर्जा फैली होती है।

Margsheersha Amavasya 2026 कब है

हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाती है। जो साल 2026 में मार्गशीर्ष अमावस्या 08 दिसम्बर दिन बुधवार को मनाई जाएगी।

  • अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 08 दिसम्बर 2026 को सुबह 04 बजकर 14 मिनट पर
  • अमावस्या तिथि समाप्त होगी -09 दिसम्बर 2026 को सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर

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