Hanuman Jayanti 2030: 2030 में हनुमान जयंती कब है, New Delhi, india

Hanuman Jayanti 2030: हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का पर्व हनुमान जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती हैं। हिंदी पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है।

हनुमान जयंती संकट जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। पहली बार चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है वहीं दूसरी बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। हनुमान जयंती पूरे देश में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है।

धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी आराधना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और हर मनोकामना पूरी होती है। अब आईये जानते है साल 2030 में हनुमान जयंती कब मनाई जाएगी 17 या 18 अप्रैल, जानिए पूजा की सही तिथि, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले कुछ विशेष उपाय

Hanuman Jayanti 2030 Date, 2030 में हनुमान जयंती कब है, New Delhi, india

व्रत त्यौहारव्रत त्यौहार समय
हनुमान जयंती18 अप्रैल 2030, गुरुवार
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ17 अप्रैल 2030, दोपहर 12:17 मिनट पर
पूर्णिमा तिथि समाप्त18 अप्रैल 2030, सुबह 08:49 मिनट पर

हनुमान जयंती पूजन विधि

शास्त्रो के अनुसार ब्रम्ह मुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ या नये वस्त्र पहनकर व्रत संकल्प लें। लेकिन हनुमान जयंती के व्रत से पहले एक रात को जमीन पर सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमान जी का स्मरण जरूर करें। और अगले दिन प्रात: जल्दी उठकर दोबारा राम-सीता एवं हनुमान जी को याद करें।

इसके बाद हनुमान जयंती के दिन प्रात: स्नान ध्यान करने के बाद हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प ले। इसके बाद पूर्व की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें और विनम्र भाव से संकट मोचन हनुमान जी की प्रार्थना करें। इसके बाद षोडशोपाचार की विधि विधान से श्री हनुमानजी की आराधना करें। और पूजा के अंत मे हनुमान जी को सात्विक चीजो का भोग लगाएं।

हनुमान जयंती उपाय

हनुमान जयंती के दिन भगवान संकट मोचन को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय किया जाता है जैसे –

हनुमान जयंती के दिन किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा, और सुंदरकांड और हनुमान पथ करना काफी फलदायी माना जाता है।

हनुमान जयंती के दिन हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें दो लौंग रख दें। इसके बाद दीपक से हनुमानजी की आरती उतारें और हनुमानाष्टक का पाठ करें। साथ ही गुलाब की माला, लाल फूल, लाल चंदन आदि चीजें अर्पित करें। ऐसा करने से हनुमानजी की कृपा बनी रहेगी और शनि की साढ़ेसाती और अशुभ छाया से मुक्ति मिलेगी।

हनुमान जयंती पर क्या नहीं करना चाहिए?

हनुमान जयंती के दिन आपको नमक के सेवन से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा आपको उन चीजों से भी परहेज करना चाहिए जो इस दिन आपने दान में दी हों। हनुमान जयंती का उपवास रखने वालों को दिन में नहीं सोना चाहिए और नाही ही मांस मदिरा का सेवन करना चाहिए।

शास्त्रो में बतलाया गया है कि हनुमान जयंती के दिन टूटी हुई या खंडित हनुमान जी की प्रतिमा का इस्तेमाल बिल्कुल भी नही करना चाहिए। अगर आपके घर के मंदिर में बजरंगबली की ऐसी कोई प्रतिमा है तो उसे जल्दी हटा लें या फिर उस प्रतिमा को जल में प्रवाहित करदे।

हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के मंदिर जाएं और बजरंगबली का कोई भी सरल मंत्र या हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें। और हनुमान जी को गुलाब की माला फूल आदि अर्पित करे।

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