Geeta Jayanti 2026: हिन्दू धर्म मे गीता जयंती पर्व का हिन्दू धर्म के लोगो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार गीता जयंती का पर्व प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाई जाती है। जिसे मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गीता जयंती के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए गीता जयंती का हिन्दू धर्म मे विशेष मान्यता है। गीता जयंती के दिन भगवान श्री कृष्णजी, भगवान व्यास जी, और पावन गीता का पूजा करने का विधान है।
ऐसी मान्यता है कि जो भी लोग भागवत को पूर्ण श्रद्धा के साथ पढ़ता है उसे अलौकिक ज्ञान, प्रकाश, और अपार आनन्द की प्राप्ति होती है। इसके अलावा गीता जयंती के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से दान आदि करने से पापों से मुक्ति मिलती है। तथा शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि गीता जयंती के दिन भगवान विष्णु जी का पूजन करने से आत्मिक शांति व ज्ञान की प्राप्ति के साथ साथ मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
गीता जयंती कब है 2026? Geeta Jayanti 2026 Date Time
| व्रत त्यौहार | व्रत त्यौहार समय |
|---|---|
| गीता जयंती | 20 दिसम्बर 2026, दिन रविवार |
| एकादशी तिथि प्रारम्भ | 19 दिसम्बर 2026 को रात्रि 10:09 मिनट पर |
| एकादशी तिथि समाप्त | 20 दिसम्बर 2026 को रात्रि 08:14 मिनट पर |
गीता जयंती पूजा विधि Geeta Jayanti 2026 Puja Vidhi
गीता जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निवित्र होकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहन लें इसके बाद व्रत का संकल्प ले। इसके बाद बाद पूजा स्थल पर गंगाजल को छिड़ककर पवित्र करले। इसके बाद पूजा स्थल पर एक लकड़ी की चौकी पर लाल या पिले रंग का कपड़ा बिछाकर उसपर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या फ़ोटो स्थापित करे।
इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष तेल का दीपक जलाएं। इसके पश्चात भगवान श्रीकृष्ण को हल्दी, चंदन व कुमकुम चढ़ाए। इसके बाद हल्दी लगा हुआ चावल, दीपक, पुष्प, धूप, नवैद्य आदि अर्पित करे। इसके बाद पवित्र गीता की आरती करें फिर पवित्र गीता के समक्ष हाथ जोड़कर पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा याचना करे। और पूरी रात गीता का पाठ करे।
गीता जयंती पूजा सामग्री Geeta Jayanti Puja Samagri
गीता जयंती के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने के लिए इन सम्पूर्ण पूजा सामग्री को पूजा की थाली में इकट्ठा करके रखले। जैसे – गंगाजल, कपड़े का टुकड़ा, एक लकड़ी की चौकी, भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर या फ़ोटो, तेल, दीपक, हल्दी, चन्दन, कुमकुम, अक्षत, पुष्प, धूप, नैवेद्य, गंधम आदि।
