Gajanan Ganesh Chaturthi 2026: हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में 2 बार चतुर्थी तिथि आती है। कृष्णपक्ष की चतुर्थी संकष्टी और शुक्लपक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत संकटो से मुक्ति पाने के लिए रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश की पूजा उपासना करने का विधान है। कृष्णपक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
आषाढ़ मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को गजानन चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की गजानन स्वरूप की पूजा आराधना की जाती है ताकि सभी बाधाएं दूर हों सके और जीवन मे सुख-समृद्धि आए। इस दिन भक्त विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। इस दिन भक्त भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करते हैं। पूजा में गेंदे के फूल, दूर्वा घास और मोदक का भोग लगाया जाता है। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है। पूजा करने से पहले एक मिट्टी की वेदी बनाये और उसपर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। और उनका अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें।
कुमकुम का तिलक लगाएं और घर पर बनी मिंठाई, मोदक, आदि चीजों का भोग लगाएं। दूर्वा घास अवश्य अर्पित करें बप्पा के वैदिक मंत्रं का जाप करें। गणपति चालीसा का पाठ करें। और आरती से पूजा को समाप्त करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे। पूजा में तुलसी का उपयोग गलती से भी न करें और तामसिक चीजों से दूर रहे।
गजानन संकष्टी चतुर्थी 2026 कब है? Gajanan Ganesh Chaturthi 2026 Date
हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह (पूर्णिमान्त श्रावण माह) की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गजानन संकष्टी के रूप में मनाया जाता है। जो साल 2026 में चतुर्थी तिथि प्रारम्भ हो रही है – 01 अगस्त 2026 को रात 11 बजकर 07 मिनट पर और चतुर्थी तिथि समाप्त हो रही है – 02 अगस्त 2026 को रात 11 बजकर 15 मिनट पर इसलिए उदया तिथि के अनुसार गजानन संकष्टी चतुर्थी 02 अगस्त दिन रविवार को मनाई जाएगी। और इस दिन चन्द्रोदय का समय होगा – रात 09 बजकर 20 मिनट पर
