Dev Diwali 2026: 2026 में देव दिवाली कब है, नोट करले, पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, उपाय

Dev Diwali 2026: देव दीवाली का हिन्दू धर्म मे विशेष महत्व है। देव दीवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। जिसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन ही भगवान शिव जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। और आज के दिन ही भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार भी लिया था। इसलिये इस खुशी में देवताओं ने वाराणसी में आकर अनेको दिए जलाए थे।

इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन यानी देव दीवाली के दिन गंगा में स्नान, और दीपदान करने का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव जी के साथ भगवान विष्णु जी की पूजा करने का विधान है।

ऐसी मान्यता है कि आज के दिन भगवान शिव जी की पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। और उनके उपर भगवान विष्णु और भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है। और आज के दिन जो भी लोग उपवास रखकर भगवान शिव जी की पूजा करके बैल का दान करते है। तो उसे से शिव पद प्राप्त होता है। और भगवान शिव की उसके ऊपर अपार कृपा बनी रहती है।

देव दीवाली के दिन रात्रि जागरण करके भगवान शिव जी की उपासना करने से गुरू की कृपा प्राप्त होती है। आइये जानते है Dev Diwali 2026 में कब है ? 23 या 24 नवम्बर, जानिए पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

देव दीवाली पूजा विधि

देव दीपावली के दिन भगवान शिव जी की पूजा अर्चना की जाती है। देव दिवाली के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में स्नान करें और अगर नदी पर जाना संभव ना हो तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद मंदिर की साफ-सफाई करें और फिर भगवान शिव सहित सभी देवी देवताओं को आवाहित करें।

इसके बाद नदी के तट पर और मंदिर में जाकर दीप जलाएं। या किसी भी शिव मंदिर में जाकर शुभ मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, अक्षत्, चंदन, फूल, भांग, धतूरा, धूप, दीप, शहद, शक्कर, नैवेद्य आदि अर्पित करके पूजन करें. उसके बाद आप देव दीपावली की कथा या कार्तिक पूर्णिमा की कथा पढ़ें या सुने इसके बाद आरती करके पूजा का समापन करे।

देव दीवाली पर करे उपाय

देव दीवाली के दिन घर मे तुलसी का पौधा जरूर लगाना चाहिए शास्त्रो के अनुसार तुलसी का पौधा लगाने से घर मे आने वाली सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होती है। और घर मे रहने वाले सभी लोगो की परेशानियां दूर होती है।

इसे भी पढ़ो – Karwa Chauth 2026: करवा चौथ व्रत तिथि, चंद्रोदय समय और महत्व 

  • धार्मिक मान्यता है कि देव दीवाली के दिन भगवान विष्णु को तुलसी के 11 पत्ते बाधने से घर मे माता लक्ष्मी का वास होता है और घर से दरिद्रता दूर होती है।
  • धार्मिक मान्यता है कि देव दीवाली (Dev Diwali) के दिन वाराणसी में गंगा स्नान करने के बाद गंगा घाटों पर दीपक जलाने और दान पुण्य करने से सभी परेशानियां दूर होती है और मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • शास्त्रो के अनुसार देव दीवाली के दिन आटे की दिया बनाकर उसमे घी और 7 लौंग डालकर गंगा तट पर जलाने से घर की दरिद्रता दूर होती है।
  • देव दीवाली के दिन तामसिक भोजन नही करना चाहिए जैसे – मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज आदि।

2026 में देव दीवाली कब है Dev Diwali 2026 Date Time

हिन्दू पंचांग के अनुसार देव दीवाली कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। जो साल 2026 में देव दीवाली 24 नवम्बर दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।

  • प्रदोषकाल में देव दीवाली पूजा का शुभ मुहूर्त – 24 नवम्बर 2026 को शाम 05 बजकर 08 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।
    पूजा अवधि – 02 घण्टे 39 मिनट
  • पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – 23 नवम्बर 2026 को रात 11 बजकर 42 मिनट पर
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त – 24 नवम्बर 2026 को शाम 08 बजकर 23 मिनट पर

Leave a Comment

error: Content is protected !!