Dattatreya Jayanti 2030: दत्तात्रेय जयंती का हिन्दू धर्म मे विशेष महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार दत्तात्रेय जयंती प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। धर्म ग्रन्थों के अनुसार भगवान दत्तात्रेय ऋषि अत्रि और अनुसूया के यहां पुत्र रूप में अवतरित हुए थे। मान्यता है कि भगवान दत्तात्रेय अपने 24 गुरुओं की वजह से भी प्रसिद्ध हैं। दत्तात्रेय ने 24 गुरुओं से शिक्षा ग्रहण किया था।
भगवान दत्तात्रेय को त्रिदेवों का अंश माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान दत्तात्रेय के जन्म दिवस पर इनका दर्शन पूजा करने से और उपवास रखने से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है। और समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है। और अपार धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। दत्तात्रेय जयंती के दिन गंगा में स्नान करने से और अपने पूर्वजों का तर्पण करने से पूण्य की प्राप्ति होती है। और पूर्व जन्मों में किये गए पापो से मुक्ति मिलती है।
भगवान दत्तात्रेय जयंती के दिन भगवान विष्णु और और माता लक्ष्मी की पूजा करने से अति प्रसन्न होते हैं। आइये जानते है साल 2030 में Dattatreya Jayanti कब है? 09 या 10 दिसम्बर, नोट करले सही दिन तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और इस दिन क्या नही करना चाहिए।
2030 दत्तात्रेय जयंती कब है Dattatreya Jayanti 2030 Date Time
| व्रत त्यौहार | व्रत त्यौहार समय |
|---|---|
| दत्तात्रेय जयंती | 09 दिसम्बर 2030, दिन सोमवार |
| पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ | 09 दिसम्बर 2030, सुबह 01:29 मिनट पर |
| पूर्णिमा तिथि समाप्त | 10 दिसम्बर 2030, सुबह 04:09 मिनट पर |
दत्तात्रेय जयंती पूजा विधि Dattatreya Jayanti Puja Vidhi
दत्तात्रेय जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके शुद्ध व साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प ले। इसके बाद अच्छे से मंदिर की साफ-सफाई करें। इसके बाद एक चौकी पर सफेद रंग का कपड़ा बिछा कर उसपर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद उनका गंगा जल से अभिषेक करें और उन्हें धूप, दीप, फूल आदि अर्पित करें। इसके भगवान दत्तात्रेय को मिठाई और फलों से भोग लगाएं।
दत्तात्रेय जयंती पर क्या ना करें
धार्मिक मान्यता के अनुसार Dattatreya Jayanti के दिन भूलकर भी तामसिक चीजो का सेवन नही करना चाहिए जैसे – मांस, मछली, अंडा, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। और नाही इसदिन लजसुन प्याज से बनी कोई भी चीन खानी चाहिए।
इस दिन किसी भी व्यक्ति को अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। दत्तात्रेय जयंती के दिन झूठ बोलने से बचना चाहिए। इस दिन किसी को अपने घर से खाली हाथ न जाने दें। दत्तात्रेय जयंती के दिन किसी भी व्यक्ति का अनादर नहीं करना चाहिए।
