Chhath Puja 2026: हिंदी पंचांग के अनुसार छठ पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक छठ पूजा दिवाली पूजा से ठीक छः दिन बाद पड़ता है। जो कि यह पर्व मुख्य रूप से चार दीनी तक चलता है। हिन्दू धर्म मे छठ पूजा पर्व की विशेष मान्यता है। छठ पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्टी तिथि को मनाया जाता है। जो छठ पर्व को सूर्य षष्टी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार छठ पर्व दीपावली से ठीक 6 दिन बाद पड़ता है। जो 4 दिनों तक चलता है यह पर्व विशेषकर भगवान सूर्य देव व उनकी बहन छठी मैया को समर्पित होता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ पूजा के दिन भगवान सूर्य देव और छठ मैया की पूजा करके उन्हें अर्घ देने का विधान है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार,उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व को महिलाएं मुख्य रुप से पुत्र प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा करने से पति की दीर्घायु होती है। और संतान सुख व पुत्र की प्राप्ति होती है। आइये जानते है साल 2026 में कार्तिक छठ पूजा कब है? 15 या 16 नवंबर, जाने छठ पूजा की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और पूजा नियम
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छठ पूजा विधि व खरना
छठ पर्व मुख्य रूप से चार दिनों तक चलने वाला महापर्व होता है। जो छठ पर्व का पहला दिन नहाय-खाय से शुरू होता है। जो कि इसकी सुरूआत प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को इसका समापन होता है। इस दिन स्नान आदि करने के बाद घर की साफ सफाई की जाती है। और सात्वितक भोजन ग्रहण किया जाता है।
और छठ पर्व के दूसरे दिन खरना या लोहंडा कहलाता है। जो कि छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। इस दीन कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि होती है। और इस दिन से निर्जल व्रत की सुरूआत भी होती है। यानी इस दिन व्रत रखने वाली महिला या व्यकि जल ग्रहण नही करता है।
और सांयकाल के समय छठी मैया का प्रसाद बनाया जाता है। और छठ पर्व के तीसरे दिन डूबते हुये संध्या के समय भगवान सूर्य देव को अर्ध दिया जाता है। और भगवान सूर्य देव को अर्घ देने के लिए बॉस से बनी टोकरी में फल, फूल, केला, ठेकुआ, चावल से बने लड्डू आदि चीजो को सुप में सजाया जाता है।
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और व्रत करने महिला हो या पुरुष अपने परिवार के साथ सायंकाल के समय सूर्य भगवान को अर्ध दिया जाता है। इसके बाद सूर्य देव को जल और दूध का अर्घ देने बाद सजाए गए सुप से छठी मैया की पूजा की जाती है। फिर सूर्य उपासना करने के बाद छठी मैया का गीत गाकर व्रत कथा सुनी जाती है। और छठ पर्व के चौथे दिन सुबह का अर्घ देने का विधान है। चौथे दिन यानी सप्तमी तिथि को प्रातःकाल सूर्यदेव को अर्घ देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
छठ पूजा 2026 कब है
Chhath Puja 2026: छठ पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। आईये जानते है साल 2026 में छठ पूजा 15 नवंबर दिन रविवार को दिन मनाया जाएगा।
षष्ठी तिथि प्रारम्भ होगी – 14 नवंबर 2026 को रात्री 11 बजकर 23 मिनट पर।
षष्ठी तिथि समाप्त होगी – 16 नवंबर 2026 को प्रातःकाल 02 बजकर 00 मिनट पर।
संध्या का अर्घ्य – 15 नवंबर 2026 को शाम 05 बजकर 27 मिनट
सूर्य का अर्घ्य और व्रत का पारण – 16 नवंबर 2026 को प्रात:काल 06 बजकर 44 मिनट।