Chaiti Chhath 2028: कब से शुरू है चैती छठ, नोट करें नहाय खाय और संध्याअर्घ्य की सही डेट

Chaiti Chhath 2028: चैती छठ पूजा का हिन्दू धर्म मे विशेष महत्व है। छठ पूजा का पर्व वर्ष में दो बार पड़ता है। पहला चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि को और दूसरा छठ पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मनाया जाता है। हालांकि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाये जाने वाला छठ पर्व मुख्य माना जाता है। ठीक उसी प्रकार चैती छठ पूजा का भी हिन्दू धर्म मे भी विशेष महत्व माना जाता है।

चैती छठ पर्व के दिन भी सभी महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत रखती है। और इसके अलावा परिवार की सुख शांति लिए, पति की लंबी आयु के लिए इस व्रत को रखती है। ऐसी मान्यता है कि अक्सर पहले पुत्र की प्राप्ति के बाद ही महिलाएं इस व्रत को उठाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठी माता को सूर्य देवता की बहन कहा जाता है। इसलिए छठ पर्व के दिन सूर्योपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती हैं। और परिवार को सुख शांति व धन धान्य से संपन्न करती है।

ऐसी मान्यता है कि छठ माता की उपासना करने से संतान की प्राप्ति होती है। यह पर्व मुख्य रूप से चार दिनों तक चलता है। जो छठ पर्व के पहले दिन नहाय खाय होता है और छठ पर्व के दूसरे खरना या लोचन्दा कहलाता है। और छठ पर्व के तीसरे दिन संध्या का अर्ध दिया जाता है। और छठ पर्व के चौथे दिन सुबह का अर्घ देकर व्रत का पारण किया जाता है। आइये जानते है साल 2028 में चैती छठ पर्व कब मनाया जाएगा, जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले कार्य

चैती छठ पूजा 2028 शुभ मुहूर्त Chaiti Chhath Puja 2028 Date Time

व्रत त्यौहारव्रत त्यौहार समय
चैती छठ प्रारम्भ30 मार्च 2028, गुरुवार
चैती छठ समाप्त02 अप्रैल २०२८, रविवार
नहाय-खाय30 अप्रैल २०२८, गुरुवार
खरना (लोहंडा)31 अप्रैल 2028, शुक्रवार
संध्या का अर्घ01 अप्रैल 2028, शनिवार
उषा काल अर्घ02 अप्रैल 2028, रविवार

चैती छठ पूजा विधि

Chaitra Chhath 2028 Puja Vidhi: चैती छठ पूजा का पर्व पहले दिन नहाय खाय से शुरू होता है। और चौथे दिन सुबह का अर्घ देकर व्रत पारण करने के साथ व्रत का समापन होता है। चैती छठ पूजा के दिन सभी व्रती महिलाएं मिट्टी के चूल्हे में गुड़ की खीर बनाती हैं और सूर्य देव को भोग लगाती हैं। इसके अगले दिन षष्ठी तिथि पड़ती है जिस दिन सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सभी व्रती महिलाएं षष्ठी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर अपने घर की साफ-सफाई करती है। और फिर शाम और सुबह के समय भगवान सूर्य देव को डूबते और उगते समय अर्घ देती है। और पूजा करती है।

चैत्री छठ पूजा सामग्री

Chhath Puja Samagri: चैती छठ पूजा में कौन-कौन सी पूजा सामग्री की आवश्यकता पड़ती है। जो इस प्रकार है। पूजा से पहले निम्न सामग्री जुटा ले जैसे – बांस की 3 बड़ी टोकरी, बांस या पीतल के बने 3 सूप, थाली, दूध और ग्लास, चावल, लाल सिदूर, दीपक, नारियल, हल्दी, गन्ना, सुथनी, सब्जी और शकरकंदी, नाशपती, बड़ा नीबू शहद, पान, साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, चंदन और मिठाई, प्रसाद के रूप में ठेकुआ, मालपुआ, खीर-पुड़ी, सूजी का हलवा, चावल के बने लड्डू आदि सभी पूजन सामग्री को एकत्रित करके बांस की बनी टोकरी में रखे दे। फिर भगवान सूर्य को अर्घ देते समय सारा प्रसाद सूप में रखें और सूप में ही दीपक जलाएँ। फिर नदी में उतरकर भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दें।

Chhath Puja 2028 Nahay Khay

नहाय-खाय के दिन इन कार्यों को करने से बचना चाहिए। नहाय खाय के दिन छठी मैया के नाम का ध्यान करें। और सात्विक चीजो का भोजन करें। और प्रसाद बनाते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। और व्रत करने वाले को जमीन पर नही सोना चाहिए। और नाही नहाय-खाय के दिन चने, लौकी की सब्जी और भात को बनाकर खाना चाहिए बल्कि इस दिन सूर्य देव और छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करनी चाहिए और अपनी श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में दान करना चाहिए।

चैती छठ 2029

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