Bhalchandra Sankakshti Chaturthi 2026: हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में चैत्र माह के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। यह व्रत उपवास भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश जी और भगवान चंद्रमा जी की पूजा की अर्चना की जाती है। भगवान गणेश जी सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूज्य माने जाते हैं। और वे अपने भक्तो को सुख समद्धि का आशीर्वाद देते है।
मान्यता है कि आज के दिन सच्चे मन से भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से उनके जीवन के समी कष्ट दूर हो जाते हैं और मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। आइये जानते है मार्च 2026 में पड़ने वाली भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी कब मनाई जाएगी 6 या 7 मार्च, जानिए पूजा की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले उपाय
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
हिन्दू धर्म मे गणेश चतुर्थी विशेष फलदायी मानी जाती है जो भी लोग संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत व पूजा पाठ करते है उन्हें सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प ले। इसके बाद घर पूजा मंदिर की अच्छे साफ साफ सफाई करके पूजा के लिए चौक बनाये और उस चौक पर एक लकड़ी की चौकी स्थापित करे। इसके बाद उस चौकी पर गंगा जल छिड़ककर हरे रंग का कपड़ा विछाये।
इसके बाद उस चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करे। इसके बाद भगवान गणेश जी का आहबाहन करते हुए उन्हें कुमकुम से तिलक करें। और उन्हें सिंदूर, फूल, फल, बख, नैबेद्य और उनका प्रिय दूर्बा अर्पित करते हुए धुप-दीप जलाये। और गणेश जी के मंत्रों का जाप करे और साथ ही श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करें। और फिर आप भगवान गणेश जी को
लड्डूओं का भोग लगाएं और सभी को प्रसाद वितरित करे।
संकष्टी व्रत के महाउपाय
- भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाकर विशेष पूजा की जाती है। ऐसा करने से परिवार में समृद्धि बढ़ती है। और मनोकामना भी पूरी होती है। इस व्रत का जिक्र स्कंद, शिव और गणेश पुराण में किया गया है। श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि। इस मंत्र के साथ श्रीगणेशजी को दूर्वा चढ़ाने से जीवन की सभी विघ्न समाप्त हो जाते हैं और श्रीगणेशजी प्रसन्न होकर सुख एवं समृद्धि प्रदान करते हैं।
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- संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश जी को लड्डूओं का भोग अवश्य लगाये क्योकी लड्डू भगवान गणेश जी को अति प्रिय है। इस दिन में आप गणेश जी को हरी दूर्बा अर्पित करें इससे भक्त को सुख समृद्धि और बुद्धि का वरदान प्राप्त होता है। और उनकी सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है। इसके अलावा गणपतये नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से भक्तों की सभी मनोकामनायें पूर्ण होती है। और भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- ऐसी मान्यता है की गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से और एस आरती को करने से आप की सभी मनोकामना पूरी होती है
आरती
2026 में भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी कब है? Bhalchandra Sankakshti Chaturthi 2026 Date Time
हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में चैत्र माह के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। जो इस साल मार्च 2026 में भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी 6 मार्च दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी
- शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी – 6 मार्च 2026 को शाम 05 बजकर 53 मिनट पर
- शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी – 7 मार्च 2026 को शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
- चंद्रमा उदय होने का समय है रात 09 बजकर 14 मिनट पर
