Amavasya 2027: हिंद धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक महीने में एक और पूरे साल में 12 अमावस्या पड़ती है। हिंदी पंचांग के अनुसार वह तिथि जब चंद्रमा गायब हो जाता है तो उसे अमावस्या या अमावस के नाम से जाना जाता है। अमावस्या वाली रात को चंद्रमा लुप्त हो जाता है जिसकी वजह से चारों ओर घना अंधेरा छाया रहता है। इसलिए इस पखवाड़े को कृष्ण पक्ष कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व बतलाया गया है।
पुराणों में बतलाया गया है कि इस दिन पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष महत्व माना जाता है। क्योंकि इस दिन तर्पण, स्नान, दान, पूण्य, आदि करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण फलदायी माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति काल सर्प दोष से पीड़ित हैं तो उसे मुक्ति पाने के लिए अमावस्या तिथि उपाय के लिए असरदार मानी जाती है। आइये जानते है साल 2027 में अमावस्या कब-कब पड़ेगी, जनवरी से दिसम्बर तक कि सम्पूर्ण दिन व तारीख को जानेगे
Amavasya 2027 All List अमावस्या 2027 की तारीखें New Delhi, India
| व्रत त्यौहार | व्रत त्यौहार समय |
|---|---|
| पौष अमावस्या | 07 जनवरी 2027, गुरुवार |
| माघ अमावस्या | 06 फरवरी 2027, शनिवार |
| फाल्गुन अमावस्या | 08 मार्च 2027, सोमवार |
| चैत्र अमावस्या | 06 अप्रैल 2027, मंगलवार |
| बैशाख अमावस्या | 06 मई 2027, गुरुवार |
| ज्येष्ठ अमावस्या | 04 जून 2027, शुक्रवार |
| आषाढ़ अमावस्या | 04 जुलाई 2027, रविवार |
| श्रावण अमावस्या | 02 अगस्त 2027, सोमवार |
| भाद्रपद अमावस्या | 31 अगस्त 2027, मंगलवार |
| आश्विन अमावस्या | 30 सितम्बर 2027, गुरुवार |
| कार्तिक अमावस्या | 30 अक्टूबर 2027, शुक्रवार |
| मार्गशीर्ष अमावस्या | 28 नवंबर 2027, रविवार |
| पौष अमावस्या | 27 दिसंबर 027, सोमवार |
अमावस्या पूजा विधि
अमावस्या के दिन व्रती सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें या घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। और पितरों के नाम का दीपक जलाएं और उनका तर्पण करें। और पीपल के पेड़ की पूजा करें और 108 बार परिक्रमा करें। इसके बाद तुलसी के पौधे की पूजा करें और 108 बार परिक्रमा करें।
इसके बाद पुनः भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा करें और उनके मंत्रों का जाप करें। और अपनी क्षमतानुसार के अनुसार किसी भी गरीबों को भोजन कराये और उन्हें वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करें। इसके सात्विक भोजन तैयार करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
क्योकि अमावस्या के दिन दान-पुण्य करना शुभ फल दायीं माना जाता है। यदि संभव हो तो श्राद्ध कर्म करें, इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं ऐसा करने से आप के ऊपर पित्तरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अमावस्या पर क्या ना करे
अमावस्या के दिन बाल, नाखून, नही काटना चाहिए।
अमावस्या के दिन किसी को अपशब्द नही बोलना चाहिए।
अमावस्या के दिन मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नही करना चाहिए असुभ माना जाता है।
अमावस्या के दिन तामसिक चीजो का सेवन नही करना चाहिए जैसे मास, मछली, अंडा, और मदिरापान इन सभी वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
अमावस्या के दिन बड़े बुजुर्गों का अपमान नही करना चाहिए और किसी के यहां गमी है तो वहां नही जाना चाहिए।
अमावस्या के दिन किसी भी प्रकार का जुआ आदि नही खेलना चाहिए।
अमावस्या पर क्या करे
अमावस्या के दिन पितरो की शांति के लिए और घर की सुख-समृद्धि और नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए स्नान, दान, तर्पण, पूजा-पाठ और सात्विक भोजन करना चाहिए।
अमावस्या के दिन नदी में स्नान आदि करके पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और पीपल के नीचे चौमुखी दीपक जलाना चाहिए।
अमावस्या के दिन किसी गरीब और जरूरतमंदों को भोजन-वस्त्र आदि का दान करना चाहिए।
अमावस्या के दिन यदि खासकर ग्रहण लग जाये तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
