Aja Ekadashi 2026: अजा एकादशी कब है, नोट करले, डेट टाइम, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, उपाय

Aja Ekadashi 2026: हिंदी पंचांग के अनुसार साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता अनुसार अजा एकादशी का व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती है। सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा जो लोग अजा एकादशी का व्रत रखते है उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करना शुभ होता है। अजा एकादशी को अन्नदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी लोग अजा एकादशी का व्रत रखते हुए रात्रि जागरण करते हैं। उनके समस्त पाप कट जाते है। और अंत में वे स्वर्गलोक को प्राप्त होते हैं। इसके अलावा अजा एकादशी की कथा को सुनने मात्र से अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

शास्त्रों में यह बताया गया है कि अजा एकादशी व्रत के दिन उपवास रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को भूत-प्रेत, ग्रह दोष इत्यादि के भय से मुक्ति मिलती है। और मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइये जानते है अगस्त 2026 में अजा एकादशी कब है? 06 या 07 सितम्बर, जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय

अजा एकादशी पूजा विधि

अजा एकादशी के दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान ध्यान करें। तथा व्रत का संकल्प ले इसके बाद भगवान विष्णु के सामने शुद्ध देशी घी का दीपक जलाकर, फलों तथा फूलों से श्रद्धा पूर्वक पूजा करें। पूजा करने के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। और पूरे दिन में निराहार एवं निर्जल व्रत का पालन करें। इस व्रत में रात्रि जागरण करें। फिर द्वादशी तिथि के दिन प्रातःकाल ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें फिर स्वयं भोजन ग्रहण करें।

अजा एकादशी उपाय

  • अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णुजी के मंदिर जाकर एक पान के पत्ते में ऊँ विष्णवे नमः लिखकर भगवान विष्णु को अर्पित करे। इसके बाद पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करके पान के पते को अपनी तिजोरी में रख दें। जो लोग ऐसा करते है उसकी आर्थिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा अजा एकादशी के दिन किसी जरूरतमन्द को अन्न व वस्त्र का दान जरूर करना चाहिए।

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  • अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा में तुलसी के पत्ते जरूर अर्पित करना चाहिए। लेकिन तुलसी का पत्ता एक दिन पहले ही तोड़ लेना चाहिए। इसके अलावा अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
  • संतान प्राप्ति के लिए अजा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें। और भगवान विष्णु की पूजा आराधना करे और उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें। इसके बाद विष्णु मन्त्र का जाप करते हुए अपनी समस्या से मुक्ति की प्रार्थना करें ऐसा करने से संतान से जुड़ी हर समस्या दूर होती है।

मनचाहा नौकरी पाने के लिए अजा एकादशी के दिन विष्णु पूजा के दौरान एक सिक्के पर रोली, अक्षत और फूल चढ़ाकर उसे लाल कपड़े में बांधकर घर या ऑफिस में रख दें। ऐसा करने से व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में तरक्की के योग बनने लग जाते हैं और मनचाहे फल की भी प्राप्ति होती है।

अजा एकादशी 2026 में कब है? Aja Ekadashi 2026 Date Time

हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी मनाई जाती है। जो साल 2026 में अजा एकादशी 07 सितम्बर दिन सोमवार को मनाई जाएगी।

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 06 सितम्बर 2026 को शाम 07 बजकर 29 मिनट पर
  • एकादशी तिथि समाप्त होगी – 07 सितम्बर 2026 को शाम 05 बजकर 03 मिनट पर

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