Achala Saptami 2026: कब है अचला सप्तमी 2026 में, जाने सही डेट, पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व उपाय

Achala Saptami 2026: हिन्दू धर्म मे अचला सप्तमी पर्व का विशेष महत्व होता है। यह दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित होती है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि के दिन अचला सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। और इस पर्व को रथ सप्तमी, सूर्य जयंती, आरोग्य सप्तमी, माघ सप्तमी और माघ जयंती आदि नामो से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्यदेव का जन्म हुआ था।

ऐसी मान्यता है कि अचला सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के रोगों और दोषों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा अचला सप्तमी के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान आदि करने से सात जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। आइये जानते है साल 2026 में अचला सप्तमी कब है। 24 या 25 जनवरी, जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ कब है, पूजा की विधि, महत्व और इस दिन किये जाने वाला उपाय

अचला सप्तमी पूजा विधि Achala Saptami Puja Vidhi

अचला सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवित्र होकर साफ वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प ले। इसके बाद भगवान सूर्य देव को जल का अर्घ दे। गंगाजल, दूर्वा, तिल, पुष्प और अक्षत आफ मिलाकर भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद ॐ सूर्यायः नमः मन्त्र का जाप करे।

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इसके पच्यात भगवान सूर्यदेव की पूजा अर्चना करे। इसके बाद सूर्य चालीसा या भगवान सूर्य कवच का पाठ करे। और पूजा के अंत मे भगवान सूर्यदेव को भोग लगाकर उनकी आरती करें। लेकिन इस व्रत में ख्याल रहे कि नमक का सेवन नही करना चाहिए केवल इस व्रत में फलाहार कर सकते है।

अचला सप्तमी व्रत में क्या खाएं

धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन यानी अचला सप्तमी के दिन जो भी लोग विना नमक खाये भगवान सूर्य देव की पूजा आराधना करते है उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इसके सेहत में सुधार होता है।

अचला सप्तमी व्रत में क्या न खाए

अचला सप्तमी के दिन नमक का सेवन नही करना चाहिए क्योकि आज के दिन नमक का सेवन करना वर्जित होता है। अगर अचला सप्तमी के दिन जो भी विना नमक खाये व्रत रखते है। उसे कई गुना लाभ प्राप्त होता है। और सौभाग्य में वृद्धि होती है। और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

अचला सप्तमी के दिन क्या करे क्या ना करे

अचला सप्तमी के दिन भगवान सूर्यदेव की पूरे विधि विधान के साथ पूजा करना चाहिए। और नमक खाने से बचना चाहिये बल्कि अचला सप्तमी के दिन नमक का दान करना चाहिए।

और Achala Saptami के दिन आदित्य हृदय स्त्रोत और गजेंद्र मोक्ष और सूर्य मंत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। जो व्यक्ति संतान की कामना रखते हैं उन्हें आज के दिन निर्जल व्रत जरूर करना चाहिए।

अचला सप्तमी कब है 2026 Achala Saptami 2026 Date Time

हिंदी पंचांग के अनुसार अचला सप्तमी माघ मास की शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। साल 2026 में अचला सप्तमी 25 जनवरी दिन रविवार को मनाई जाएगी।
स्नान का शुभ मुहूर्त है – सुबह 05 बजकर 26 मिनट से सुबह 07 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
स्नान की कुल अवधि – 01 घण्टा 47 मिनट
अचला सप्तमी के सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 48 मिनट पर
रथ सप्तमी के दिन अवलोकनीय सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर
सप्तमी तिथि प्रारम्भ – 25 जनवरी 2026 को  रात 12 बजकर 39 मिनट पर
सप्तमी तिथि समाप्त – 25 जनवरी 2026 को दोपहर 11 बजकर 10 मिनट पर

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