Phulera Dooj 2030: हिन्दू धर्म मे फुलेरा दूज पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व मुख्य रुप से भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। हिंदी पंचांग के अनुसार फुलेरा दूज हर वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में पूरे हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है। फुलेरा दूज का पर्व मुख्य रुप से होली से कुछ दिन पहले और बसंत पंचमी के बाद के बाद बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार फुलेरा दूज पर्व के दिन भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने का विशेष महत्व है। फुलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी के मंदिरों में जाकर गुलाल लगाने की विशेष परम्परा है। और फुलेरा दूज के दिन भजन कीर्तन करते हुए रात्रि जागरण करना चाहिए।
ऐसी मान्यता है कि फुलेरा दूज के दिन पूरे विधि विधान के साथ भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। फुलेरा दूज के दिन जो भी लोग पूरे निष्ठा पूर्वक भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में जाकर भजन कीर्तन और रात्रि जागरण करते है। तो उनके जीवन मे प्रेम की वर्षा होती है। आईये जानते है साल 2030 में फुलेरा दूज का पर्व कब मनाया जाएगा 05 या 06 मार्च, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और फुलेरा दूज के दिन क्या करना चाहिए, क्या नही करना चाहिए।
फुलेरा दूज 2030 में कब है ? Phulera Dooj 2030 Date Time Muhurat
| व्रत त्यौहार | व्रत त्यौहार समय |
|---|---|
| फुलेरा दूज | 06 मार्च 2030, दिन बुधवार |
| द्वितीया तिथि प्रारम्भ | 05 मार्च 2030, दोपहर 12:35 मिनट पर |
| द्वितीया तिथि समाप्त | 06 मार्च 2030, दोपहर 01:38 मिनट पर |
फुलेरा दूज पूजा विधि Phulera Dooj Puja Vidhi
फुलेरा दूज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ व नए कपड़े पहनकर शाम को भगवान श्रीकृष्ण औ राधा रानी का विधिवत श्रृंगार करें।।इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को सुगन्धित फूलों से सजाकर उन्हें अबीर-गुलाल अर्पित करे। इसके बाद प्रसाद के रूप में सफेद मिठाई, पंचामृत और मिश्री आदि अर्पित करें। भोग के रूप में पोहा या अन्य व्यजंनो का भोग लगाएं।।इसके बाद मधुराष्टक या राधा कृपा कटाक्ष का पाठ करें। अगर पाठ करना कठिन हो तो केवल ‘राधेकृष्ण’ का जाप करे। इसके बाद श्रृंगार की सभी वस्तुओं का दान करें और प्रसाद ग्रहण करें।
फुलेरा दूज पर क्या करे
धार्मिक मान्यता है कि फुलेरा दूज पर्व के दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत कर सकते है। जैसे गृह प्रवेश, मुंडन मुहूर्त, नए व्यापार का शुभारंभ और शादी विवाह आदि जैसे कार्य करना शुभ माना जाता है।
बल्कि आपके वैवाहिक जीवन में कोई समस्या आ रही है, तो फूलेरा दूज के दिन पति और पत्नी दोनो मिलकर भगवान श्रीकृष्ण एवं राधाजी की पूजा करनी चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से आपके जीवन में प्रेम बढ़ेगा और समस्याओं का समाधान होगा।
ऐसी मान्यता है की फुलेरा दूज के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को पीले रंग के फूल और वस्त्र आदि अर्पित करने से, माखन मिश्री का भोग चढ़ाने से। पति पत्नी के बीच मे कभी भी किसी भी समय कोई समस्या नहीं आएगी।
फुलेरा दूज पर क्या ना करें
फुलेरा दूज पर्व के दिन पति-पत्नी के बीच झगड़ा भूलकर भी नही करना चाहिए। और ना ही इस दिन पिता का अपमान, माता से कटु वचन शब्द का प्रयोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
भाई दूज के दिन भूलकर भी भाई-बहन को मांस मदिरा का सेवन नही करना चाहिए। और नाही इस पवित्र दिन भाई-बहन आपस मे झूठ बोले।
धार्मिक मान्यता के अनुसार बहन भाई को तिलक करने से पहले अन्न और जल ग्रहण भूलकर भी ना करे।
