Ravidas Jayanti 2030: हिंदी पंचांग के अनुसार संत रविदास जी का जन्म माघ मास की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। इसलिए संत रविदासजी की जयंती प्रत्येक वर्ष माघ पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन भक्तगत गंगा में स्नान आदि करके दान दक्षिणा देकर लोग भजन कीर्तन करते है।
और जगह-जगह उनकी शोभायात्रा निकालते हैं। और माघ पूर्णिमा के दिन दिन घर या मंदिर में संत रविदास जी की प्रतिमा पर गंगाजल चढ़ाते है। और पूरे निष्ठा से माला फूल चढ़ाकर उनकी की पूजा आराधना करते हैं। आईये जानते है साल 2030 में संत रविदास जयंती कब मनाई जाएगी 17 या 18 फरवरी, जानिए दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इनका उद्देश्य
रविदास जयंती 2030 तारीख और समय Ravidas Jayanti 2030 Date Time
| व्रत त्यौहार | व्रत त्यौहार समय |
|---|---|
| रविदास जयंती | 18 फरवरी 2030, सोमवार |
| पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ | 17 फरवरी 2030, दोपहर 01:04 मिनट पर |
| पूर्णिमा तिथि समाप्त | 18 फरवरी 2030, सुबह 11:49 मिनट पर |
संत रविदास जी का संक्षिप्त जीवन परिचय
संत कवि रविदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सिर गोवर्धन पुर नामक स्थान पर लगभग सन 1398 ईसवी में माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था। और उस दिन रविवार था। इसलिए इनका नाम रविदास रखा गया। संत रविदास ने अपने ज्ञान से समाज को संदेश दिया, व्यक्ति बड़ा या छोटा अपने जन्म से नहीं होता है। बल्कि अपने कर्म से होता है।
सन्त रविदास जी धर्म के पथ पर चलने वाले महान पुरुष थे। उन्होंने अपनी कविताओं और शिक्षाओं के माध्यम से भारतीय जाति भेदभाव का विरोध करके समानता का संदेश फैलाया था। इसलिए इनके विचारों, सिद्धान्तों को सदैव याद रखने के लिए। हर साल माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती मनाई जाती है।
