Basant Panchami 2028: 2028 में बसंत पंचमी कब है? नोट करे, सही डेट, पूजन विधि और मुहूर्त

Basant Panchami 2028: हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी पर्व का विशेष महत्व हैं यह पर्व प्रत्येक वर्ष माघ माह की शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को बसंत ऋतु के आगमन और माता सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन किसी भी कार्य को शुरू करने के लिए बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। मान्यता है इस दिन लोग अपने छोटे बच्चों को पहली बार किताब और कलम भी पकड़ाते है। छात्रों को इस दिन माता सरस्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी के दिन से ही भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। बसंत पंचमी का दिन माता सरस्वती को समर्पित है। माता सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी माना जाता है ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता सरस्वती की पूजा करने से विद्या और बुद्धि का वरदान प्राप्त होता है।

इसके अलावा इस दिन मायता सरस्वती को खुश करने के लिए उनके मन पसंद भोग को चढ़ाया जाता है जैसे पीला फल, पीली मिठाई, पिला भोजन, अमरूद, गाजर, सेब, केला, अंगूर, बेर आदि आदि। बसंत पंचमी की पूजा सर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले की जाती है। इस समय को पूर्वाह्न भी कहा जाता है। अब आइये जानते है साल 2028 में बसंत पंचमी कब है? 31 जनवरी या 01 फरवरी, जानिए पूजा की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय

बसंत पंचमी २०२8 तारीख और समय: Basant Panchami 2028 Date

व्रत त्यौहारव्रत त्यौहार समय
बसंत पंचमी31 जनवरी 2028, सोमवार
पूजा का शुभ मुहूर्त31 जनवरी 2028, सुबह 07:14 से दोपहर 12:35 मिनट तक
मध्यान पूजा का शुभ मुहूर्तदोपहर 12:35 मिनट पर
पंचमी तिथि प्रारम्भ31 जनवरी 2028, सुबह 07:14 मिनट पर
पंचमी तिथि समाप्त01 फरवरी २०२8, सुबह 09:27 मिनट पर

बसंत पंचमी पूजा विधि

Basant Panchami 2028 Puja Vidhi: बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती जी की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन सुबह स्रान आदि करने के बाद साफ़ वस्त्र धारण करें और घर के मंदिर की अच्छे से साफ़-सफाई करें। इसके बाद पूजा शुरू करे। इसके पच्यात पूजा स्थल को अच्छे से साफ सफाई करके लकड़ी की चौकी को भी अच्छे से साफ करले।

इसके पच्यात माता सरस्वती की फ़ोटो या मूर्ति रखे और माता सरस्वती को पीले, नीले या हरे रंग का वस्त अर्पित करें। इसके बाद रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन, अक्षत पीले पुष्प आदि अर्पित करें और पीले मीठे चावल का भोग लगाएं। और पूजा के अंत मे अपने किताबो की भी विधिवत पूजा करें और माता सरस्वती की वंदना का पाठ करें।

बसंत पंचमी उपाय

  • मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती को पीले रंग के फूल अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए सरस्वती पूजा करने के बाद उनमें से पीले रंग के फूलों की माला घर के मुख्य पर लगाने से घर मे बरकत आती है।
  • मान्यता है कि जो ब्यक्ति बसंत पंचमी के दिन अपने बच्चो से माता सरस्वती से पूजा करवाते है। और पूजा के दौरान बच्चों को माता सरस्वती को पीले फल, फूल, केसर आदि अर्पित करवाते है। और भोग के रूप में देवी को मीठे पीले चावलों का भोग लगवाते है। इससे देवी प्रसन्न होकर आपके बच्चे के मानसिक विकास का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

बसंत पंचमी पर ना करें ये काम

  • बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा करने के बाद दिन भर सात्विक भोजन करें। और पूरे दिन सच्चे मन से माता सरस्वती का ध्यान करें। और किसी के साथ लड़ाई झगड़ा ना करे और नाही किसी की बुराई या चुगली करें ऐसा करने से माता सरस्वती आपसे रुठ जाएगी। बसंत पंचमी के दिन किसी भी पेड़-पौधों को नुकसान नही पहचाना चाहिए। बल्कि बसत पंचमी के दिन पेड़ पौधे लगाना चाहिए।

बसंत पंचमी 2029

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