Chherchhera Kab Hai 2027: छेरछेरा का पर्व छत्तीसगढ़ में पौष माह (दिसम्बर-जनवरी) में मनाया जाने वाला एक फसल उत्सव है। जो हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल पौष मास अथार्त जनवरी के महीने में मनाया जाता है। इस दिन दान करने का विशेष दिन माना जाता है इस दिन गाँव के बच्चे टोली बनाकर घर-घर छेरछेरा मांगने जाते हैं। और बच्चों के साथ-साथ गांव की महिलाएं पुरुष बुजुर्ग यानी सभी वर्ग के लोग टोली में छेरछेरा त्यौहार मनाने घर घर जाते है और छेरछेरा दान मांगते हैं। इस पर्व को किसान अपने खेतों में साल भर कड़ी मेहनत करने के बाद अपनी मेहनत की कमाई धन को दान देकर छेरछेरा पर्व मनाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन पुण्य करने से घर मे आमदनी के योग बनते है और इसके अलावा इस दिन दान देना महा पुण्य का कार्य माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिवजी ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। ऐसी मान्यता है कि छेरछेरा पर्व में जो भी दान की गई वस्तु होती है उसको जनकल्याण में खर्च किया जाता है। छेरछेरा पर्व को छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से मनाया जाता है।
यहां के लोगो का मानना है कि इस दिन दान पुण्य करना उदारता का प्रतीक माना जाता है। और लोग दान ग्रहण करते है उनके अंदर से अहंकार का नाश होता है। इसलिए छेरछेरा पर्व में सभी लोग एक दूसरे के घर जाकर दान मांगते है। आईये जानते है साल 2026 में छेरछेरा का पर्व कब मनाया जाएगा 21 या 22 जनवरी को, जानिए सही दिन व तारीख, और छेरछेरा क्यो मनाया जाता है।
2027 में छेरछेरा कब है? Chherchhera Kab Hai 2027
| व्रत त्यौहार | व्रत त्यौहार तिथि |
|---|---|
| छेरछेरा पर्व | 22 जनवरी 2027, शुक्रवार |
| पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी | 21 जनवरी 2027, रात 09:31 मिनट पर |
| पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी | 22 जनवरी 2027, शाम 05:48 मिनट पर |
छेरछेरा का पर्व क्यो मनाया जाता है?
Why is the festival of Cherchera Celebrated: यह पर्व छत्तीसगढ़ में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां के लोग साल भर कड़ी मेहनत करने के बाद जो भी फसल पैदा होती है। तो उस फसल को काटकर घर घर ले जाने की खुशी में मनाते है। यानी यह पर्व मनाने के पहले ही फसल को अपने घरों में भंडारण कर चुके होते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां के लोग हरि सब्जियों का दान करना शुभ मानते है।
