Vikat Sankashti Chaturthi 2026: 2026 विकट संकष्टी चतुर्थी कब है? नोट करले, डेट टाइम, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, उपाय

Vikat Sankashti Chaturthi 2026: गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत का हिन्दू धर्म मे विशेष महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार संकष्टी चतुर्थी महीने में दो बार पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में तो दूसरा कृष्ण पक्ष में, हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुथी तिथि को विकट संकष्टी चतुथी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान गणेश जी को समर्पित होता है। इसलिए आज के दिन यानी गणेश चतुर्थी के दीन भगवान गणेश की पूरे विधि विधान के साथ व्रत और पूजन किया जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से और व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। और इस दिन भगवान चंद्रदेव की पूजा करने से चंद्रदोष से मुक्ति मिलती है। और हर तरह के तनाव भी दूर होता है। और आज के दिन जल का अर्घ देने से सभी मनोकामना पूरी होती है। आईये जानते है साल 2026 में विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है? 05 या 06 अप्रैल, जाने सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किया जाने वाले उपाय –

विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्रान करे और साफ सुथरे कपड़े पहन लें फिर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थल को शुद्ध करले फिर एक साफ लकड़ी की चौकी पर पीला वस्र बिछाकर उसपर भगवान गणेश जी की प्रतिमा या फ़ोटो स्थापित करे। इसके बाद भगवान गणेश को गंगाजल से स्रान कराकर तिलक करे।

इसके बाद भगवान गणेश जी को अक्षत, पुष्प, माला जनेऊ, दूब, पान का पत्ता, सुपारी, लौंग, इलायची, दुर्बा घास और मिठाई आदि अर्पित करे। इसके बाद भगवान गणेश जी को मोदक या लडूओं का भोग लगाएं। इसके बाद पूजा के समय इस मंत्र का जाप करे! ऊंगं गणपते नैम: मंत्र का जाप करें। फिर ब्रत कथा पढ़े या सुनें। फिर पूजा के अंत मे में चन्द्रमा की पूजा करके व्रत का समापन करे।

विकट संकष्टी चतुर्थी उपाय

  • संकष्टी चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस इस भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इसलिए भगवान गणेश जी को प्रसन्न करके किसी भी कार्य में सफलता पाना चाहते हो तो विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को पूजा के दौरान गुड़ और तिल से बने लड्डू का भ

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  • संकष्टी चतुर्थी के दिन भूलकर कर भी चंद्रमा का दर्शन नही करना चाहिए और नाही चंद्रमा को दूध का अर्घ देना चाहिए।
  • शास्त्रो के अनुसार संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत को भुलकर भी लहसुन, प्याज, मूली आदि नही खाना चाहिए। इसके अलावा मास, मछली को हाथ भी नही लगाना चाहिए।
  • यदि अपनी संतान की प्रगति करना चाहते है तो गणेश चतुर्थी के दिन सफेद या पिले रंग का कपड़ा पहनकर भगवान गणेश जी की पूजा करने से संतान की उन्नति होती है। और उसकी सभी परेशानिया दूर होती है।
  • यदि विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को 5 हल्दी की गांठ चढ़ाने से और इस मंत्र (श्री गणाधिपतये नम:) का जाप करने से सभी मनोकामना पूरी होती है।
  • ऐसी मान्यता है कि विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को लाल वस्त और लाल चंदन अर्पित करने से मानसिक तनाव दूर होता है। और मन को शांति मिलती है।

2026 विकट संकष्टी चतुर्थी कब है Vikat Sankashti Chaturthi 2026 Date Time

हिंदी पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुथी का व्रत रखा जाता है। जो इस साल 2026 में विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत 05 अप्रैल दिन रविवार को रखा जाएगा।

  • चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी – 05 अप्रैल 2026 को सुबह 11 बजकर 59 मिनट पर
  • चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 06 अप्रैल 2026 को दोपहर 02 बजकर 10 मिनट पर
  • चन्द्रोदय का समय – रात 09:54 बजे

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