Papankusha Ekadashi 2026: पापांकुशा एकादशी कब है, नोट करले, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, उपाय

Papankusha Ekadashi 2026: हिन्दू धर्म में पापांकुशा एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को पांपाकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है। पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है।

ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को केवल करने मात्र से ही एक हजार अश्वमेघ यज्ञ, और सूर्य यज्ञ करने जितना शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पूरे परिवार के सदस्यों को भी लाभ मिलता है। और इस एकादशी का व्रत करने से सभी पापो से मुक्ति मिलती है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार पापांकुशा एकादशी पाप नाशिनी एकादशी कहलाती है। इस एकादशी के समान कोई दुसरा व्रत नही है। ऐसी मान्यता है कि जो भी लोग इस एकादशी व्रत के दिन रात्रि जागरण करते हुए भगवान विष्णु की पूजा करते है। उन्हें सीधे स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है।

और जो भी लोग पापाकुंशा एकादशी का व्रत रखता है उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। और उसके मार्ग में कोई बाधा नही आती है बल्कि सीधे तरक्की होती है। आइये जानते है साल 2026 में पापांकुशा एकादशी व्रत कब है? 21 या 22 अक्टूबर, जानिए सही तिथि, पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत पारण और इस दिन किये जाने वाले उपाय

पापांकुशा एकादशी पूजा विधि

पापांकुशा एकादशी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साफ व शुद्ध कपड़े पहनकर एकादशी व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल को अच्छे से साफ सफाई करके भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करे। इसके बाद पूजा स्थल पर एक लकड़ी की चौकी पर लाल या पिला वस्त्र विछाकर उसपर भगवान विष्णु स्वरूप पद्मनाभ की मूर्ति या फ़ोटो स्थापित करे।

इसके बाद भगवान विष्णु के समीप पुष्प-माला, अच्छत, रोली आदि अर्पित करे। इसके बाद भगवान विष्णु के समकक्ष धूप-दीप जलाये इसके बाद भगवान विष्णु सहित माता लक्ष्मी की पूजा करके आरती करें। इसके बाद रात्रि जागरण करते हुए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे।

पापांकुशा एकादशी व्रत के नियम

एकादशी तिथि के दिन प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को व्रत रखा जाता है। पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ, और उपाय किया जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन मे सुख, समृद्धि बनी रहती है। और इस दिन कुछ उपाय करने से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है।

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  • शास्त्रो में बतलाया गया है कि अगर जो भी व्यक्ति एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाता है। और उसके बाद ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करते हुए तुलसी की 11 बार परिक्रमा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • पापांकुशा एकादशी के दिन दूध से बनी खीर में तुलसी का पत्ता डालकर भगवान विष्णु जी को भोग लगाने से वैवाहिक जीवन का कलह दूर होता है और जीवन मे खुशहाली होती है।
  • पापांकुशा एकादशी व्रत के दिन किसी गरीब और असहाय लोगों को भोजन कराने और उन्हें दान-दक्षिणा देने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होगा।

पापांकुशा एकादशी क्या करे क्या नही

  • पापांकुशा एकादशी व्रत के दिन चावल से बनी कोई भी वस्तु नही खानी चाहिए। और नही कोई खाने में साधारण नमक का प्रयोग करना चाहिए। हो सके तो खाने में सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए।
  • पापांकुशा एकादशी व्रत वाले दिन शाम होने से पहले एकबार मौसमी फलों, साबूदाने का हलवा, सिघाड़े के आटे का हलवा, का सेवन कर सकते है।
  • यदि आप एकादशी का व्रत रहे है तो मास, मदिरा, लहसुन प्याज और दाल आदि का सेवन नही करना चाहिए।

पापांकुशा एकादशी 2026 कब है Papankusha Ekadashi 2026 Date

हिंदी पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को पांपाकुशा एकादशी मनाई जाती है। जो साल 2026 में पापांकुशा एकादशी 22 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 21 अक्टूबर 2026 को दोपहर 02 बजकर 11 मिनट पर
  • एकादशी तिथि समाप्त होगी – 22 अक्टूबर 2026 को दोपहर 02 बजकर 47  मिनट पर
  • एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त है – 23 अक्टूबर 2026 को सुबह 06 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।

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