Sawan Putrada Ekadashi 2026: हिन्दू धर्म में श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। साल में दो बार पुत्रदा एकादशी आती है। एक पौष माह में और दूसरी श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं। जो कि हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी के नाम से जानी जाती है। श्रावण मास में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने निःसन्तान दंपत्तियों को सन्तान की प्राप्ति होती है। और उनके जीवन मे सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर होती है। इसके अलावा मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है और मरणोपरांत उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ऐसी मान्यता है कि श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु को तुलसी की माला अर्पित करने से कार्यक्षेत्र में उन्नति के नए अवसर प्राप्त होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। और सावण पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन आंवले व तुलसी के पौधे की पूजा करने से और साथ ही संध्या काल में पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से और पीपल की परिक्रमा करने से भगवान विष्णु अति प्रसन्न होते है। और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते है।
ऐसी मान्यता है कि जो लोग एकादशी व्रत के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार अन्न दान, धन धान, वस्त्र दान आदि करके गाय की सेवा करते है तो उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। आइये जानते है साल 2026 अगस्त के महीने में आने वाली श्रावण पुत्रदा एकादशी कब है? 23 या 24 अगस्त, जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत का महत्व और इस दिन किये जाने वाले उपाय
श्रावण पुत्रदा एकादशी पूजा विधि
श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत वाले दिन व्रती सुबह जल्दी सूर्योदय होने से पहले उठकर नित्य कर्म से निपटकर स्नान आदि करके एकादशी व्रत का संकल्प ले। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने धूप, दिप नैवैद्य आदि अर्पित करे।
इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के सामने शुद्ध देसी गाय के घी का दीपक जलाये। इसके बाद भगवान विष्णु को गंगा जल से स्नान आदि कराकर पिला वस्त्र पहनाए और फिर केला, नारियल, तुलसी दल, मौसमी फल, मिठाई एवं तिल आदि अर्पित करे।
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इसके बाद पूरे दिन निराहार व्रत का उपवास रखे और फिर शाम के समय पूजा करने के बाद केवल एक समय चाहें तो फल ग्रहण कर सकते हैं। फिर भगवान भगवान विष्णु को तुलसी का भोग लगाएं। इसके बाद विष्णुसहस्रनाम का पाठ करे।
और रात्रि जागरण करते हुए भजन कीर्तन करें। और एकादशी के अगले दिन यानी कि द्वादशी तिथि को ब्राह्मण को भोजन आदि कराकर अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा देकर अंत में स्वयं भोजन ग्रहण करें।
श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत उपाय
- श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन पति और पत्नी दोनों मिलकर तुलसी की पूजा अर्चना करने से और तुलसी में कलावा बाधने से वैवाहिक जीवन मे खुशियां आती है। और जीवन में पति पत्नी के बीच प्यार भरा रहता है। इसके अलावा तुलसी माता को 16 सिंगार की वस्तुएं अर्पित करने दांपत्य जीवन मे लाभ मिलता है।
- यदि श्रावण पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पूरे विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद कच्चे दूध में तुलसी और केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करने से भगवान विष्णु सीघ्र प्रसन्न होते हैं और सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। इसके अलावा जीवन मे किसी भी प्रकार की आर्थिक तंगी होती है उसमें भी सुधार होने लगता है।
Sawan Putrada Ekadashi 2026 में कब है?
हिंदी पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। जो साल 2026 में श्रावण पुत्रदा एकादशी 23 अगस्त दिन रविवार को मनाई जाएगी।
- एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 23 अगस्त 2026 को सुबह 02 बजकर 01 मिनट पर
- एकादशी तिथि समाप्त होगी – 24 अगस्त 2026 को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर