Vaishakh Amavasya 2026: हिन्दू धर्म मे अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बतलाया गया है। हिंदी पंचांग के अनुसार हर महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। हिंदी पंचांग के अनुसार वैसाख मास में पड़ने वाली अमावस्या को वैसाख अमावस्या के नाम से जाना जाता है। वैसाख अमावस्या के दिन स्नान दान करने का विशेष महत्व बतलाया गया है। इसके अलावा वैसाख अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है।
वैसाख अमावस्या के दिन स्नान दान करने साथ ही भगवान विष्णु जी के साथ भगवान शनिदेव की पूजा अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि वैसाख अमावस्या के दिन पित्रो के निर्मित तर्पण करने और दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा वैसाख अमावस्या के दिन अन्न का दान और जल का दान करना बेहद उत्तम माना जाता है। हिन्दू धर्म में वैसाख का महीना वर्ष का दूसरा महीना होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैसाख महीना से ही त्रेता युग का आरंभ हुआ था। इस वजह से वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि वैसाख अमावस्या के दिन धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिये अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। आइए जानते है साल 2026 में बैसाख अमावस्या कब है ? 16 या 17 अप्रैल, जानिए पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाला उपाय –
वैसाख अमावस्या पूजा विधि
वैसाख अमावस्या के दिन व्रती सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रिया करके स्नान आदि करके साफ शुद्ध कपड़ा पहनकर व्रत का संकल्प ले। इसके बाद पूजा स्थल को अच्छे से साफ-सफाई करके भगवान गणेश जी को प्रणाम करें। और भगवान विष्णु जी को पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद भगवान भगवान श्री विष्णु को पिला फूल पिला चंदन आदि अर्पित करें। इसके बाद शुद्ध देशी घी का दीपक जलाएं और विष्णु सहस्त्र नाम पाठ करे। इसके बाद भगवान विष्णु की आरती करें।
वैसाख अमावस्या पर क्या करे क्या नही
- वैसाख अमावस्या के दिन स्नान और दान करने का विशेष महत्व होता है। वैसाख अमावस्या के दिन गाय कुत्ते और कौवे को भोजन करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते है। वैसाख अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण आदि करने से पितर अति प्रसन्न होते है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते है।
- वैसाख अमावस्या के दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें। पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
- वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव तिल, तेल और पुष्प आदि चढ़ाकर पूजन करनी चाहिए। अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए।
- वैसाख अमावस्या के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, मदिरा आदि का सेवन नही करना चाहिए। और नाही इस अमावस्या के दिन बड़े बुजुर्गों का अपमान करना चाहिए।
वैसाख अमावस्या व्रत कथा
एक कथा के अनुसार एक नगर में धर्मवर्ण नामक एक ब्राह्मण हुआ करता था। वह ब्राम्हण बहुत ही धार्मिक प्रवित्ति का था वह सदा ऋषि-मुनियों का आदर सत्कार करता था। एक बार उसने किसी महात्मा के मुख से सुना था कि कलियुग में भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करने से अधिक पूण्य मिलता है। तब धर्मवर्ण ने गृहस्त जीवन के मोह माया से निकलकर सांसारिक जीवन को त्याग कर सन्यासी बनकर इधर उधर भटकने लगा।
एक दिन की बात है वह ब्राह्मण घूमते-धूमते पितृलोक पहुंचा। वहां धर्मवर्ण के पितर बहुत कष्ट में थे। पितरों ने उसे बताया कि उनकी ऐसी हालत तुम्हारे संन्यास के कारण हुई है। क्योंकि अब उनके लिये पिंडदान करने वाला कोई शेष नहीं है। यदि तुम वापस जाकर गृहस्थ जीवन की शुरुआत करो। और संतान उत्पन्न करो तो हमें राहत मिल सकती है।
साथ ही वैशाख अमावस्या के दिन विधि-विधान से पिंडदान करो। धर्मवर्ण ने उन्हें वचन दिया कि वह उनकी अपेक्षाओं को अवश्य पूर्ण करेगा। इसके बाद धर्मवर्ण ने संन्यासी जीवन छोड़कर पुनः सांसारिक जीवन को अपनाया और वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पिंडदान कर अपने पितरों को मुक्ति दिलाई।
2026 में वैशाख अमावस्या कब है Vaishakh Amavasya 2026 Date Time
हिंदी पंचांग के अनुसार वैसाख मास में पड़ने वाली अमावस्या को वैसाख अमावस्या मनाई जाती है। जो साल 2026 में वैसाख अमावस्या 17 अप्रैल दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।
- अमावस्या तिथी शुरू होगी – 16 अप्रैल 2026 को रात 08 बजकर 14 मिनट पर
- अमावस्या तिथी समाप्त होगी – 17 अप्रैल 2026 को रात 05 बजकर 24 मिनट पर