Bhadrapada Purnima 2026: पूर्णिमा तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा कहते हैं। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन उमा-महेश्वर व्रत भी रखा जाता है। और आज के दिन से ही पितृ पक्ष यानि श्राद्ध प्रारंभ होता है जो आश्विन अमावस्या के दिन समाप्त होता हैं।
भाद्रपद पर्णिमा के दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करके दान-पुण्य, पूजा-पाठ और पितरों का तर्पण व श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होते है। इसलिए शास्त्रो में भाद्रपद पूर्णिमा के दिन स्नान-दान करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु सहस्त्र नाम का कथा का पाठ करने से व्यक्ति के सारे दुखों से छुटकारा मिलता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। आईये जानते है साल 2026 में भाद्रपद पूर्णिमा कब है ? 25 या 26 सितम्बर, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले उपाय –
भाद्रपद पूर्णिमा पूजा विधि
Bhadrapada Purnima Puja Vidhi: भाद्रपद पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साफ व शुद्ध कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें और किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में जाकर स्नान करें। फिर एक लकड़ी की चौकी पर लाल या पिले रंग का वस्त्र विछाकर भगवान विष्णु सहित माता लक्ष्मी की मूर्ति या फ़ोटो स्थापित करे।
इसके बाद पूरे विधि विधान के साथ भगवान सत्यनारायण की पूजा करें और उन्हें धूप, दिप, नैवेद्य व फल-फूल, रोली, चंदन आदि अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णुजी को पिला फल, पीली मिठाई आदि का भोग लगाएं। और पूजन के बाद भगवान सत्यनारायण की कथा सुने। और पंचामृत और चूरमे का प्रसाद वितरित करे। और इस दिन किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को दान दक्षिणा दे।
भाद्रपद पूर्णिमा क्या करे या ना करे
Bhadrapada Purnima Upay: भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पितृ पक्ष का आरम्भ होता है इसलिए आज के दिन गाय, कुत्ते, और कौवो को भोजन कराने से पितरो की आत्मा को शांति मिलती है।
- भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद करने से घर मे सुख समृद्धि का आगमन होता है। और इस दिन भगवान चंद्रमा की पूजा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
- भाद्रपद पुर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते है।
- भाद्रपद पर्णिमा की रात में चन्द्रमा को अर्घ्य देकर चंद्रमा के मंत्रो का जप करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा यदि भाद्रपद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करके लक्ष्मी शुक्त का पाठ करने से पूरे साल की गरीबी दूर होती है।
- यदि भाद्रपद पूर्णिमा के दिन रात में तुलसी की पूजा करके उसके पास घी का एक चौमुखी दीपक जलाने से माता तुलसी की विशेष प्राप्त होती है।
- भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन नहीं करनी चाहिए जैसे मांस, मछली, अंडा इसके अलावा लहसुन, प्याज का भी सेवन नही करना चाहिए।
- ऐसा करने से जीवन में तरह-तरह कीपरेशानियां आने लगतीहै। ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भूलकर भी बाल-नाखून आदि नहीं कटवाना चाहिए। बल्कि पूर्णिमा आने से पहले एक दिन पहले ही बाल, नाखून, काट लेना चाहिए।
- भाद्रपद पूर्णिमा के दिन दान करते समय मन में किसी प्रकार की कोई अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए और हमेशा मुस्कुराते हुए दान करना चाहिए।
भाद्रपद पूर्णिमा 2026 Bhadrapada Purnima 2026 Date
हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा के भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाती हैं। साल 2026 में भाद्रपद पूर्णिमा 26 सितंबर दिन शनिवार को मनाई जाएगी।
पूर्णिमा तिथि आरम्भ होगी – 25 सितंबर 2026 को रात्रि 11 बजकर 08 मिनट पर
पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 26 सितंबर 2026 को रात्रि 10 बजकर 20 मिनट पर