Ashadha Purnima 2026, कब है आषाढ़ पूर्णिमा 2026 में, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व

Ashadha Purnima 2026: शास्त्रो में आषाढ़ पूर्णिमा व्रत का विशेष महत्व बतलाया गया है। आषाढ़ पूर्णिमा हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। जिसे आषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पुर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान-दान किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी नारायण पूजा के साथ-साथ गुरुओ की पूजा का विशेष महत्व होता है।

ऐसी मान्यता है की पर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इसलिए इस दिन भगवान चंद्र देव की पूजा करने से मन को शांति मिलती है आईये जानते है साल 2026 में आषाढ़ पूर्णिमा कब है ? 28 या 29 जुलाई, जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन जरूर करे यह उपाय –

आषाढ़ पूर्णिमा पूजा विधि

Ashadha Purnima Puja Vidhi: आषाढ़ पुर्णिमा के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निवित्र होकर स्नान आदि करके लाल वस्त्र धारण करे। इसके बाद उगते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करे और भगवान सूर्य देव की पूजा करे। इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल को अच्छे से साफ सफाई करके एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर उसपर भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करके विधिवत तरीके से पूजा अर्चना करे।

इसके बाद भगवान विष्णु जी को धूप-दीप, फूल, फल चंदन और मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान सत्यनारायण व्रत कथा पढ़ और आरती करे। और शाम के समय भगवान चंद्रमा की विधि-विधान से पूजा-अर्वना करें और उन्हें जल से अर्घ दें। इसके बाद व्यास जी के चित्र पर सुगन्धित फूल-माला चढ़ाए। या आप जिस भी गुरु को मनाते है उनके पास जाकर अपने सामर्थ्य के अनुसार धन के रूप में भेंट करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

आषाढ़ पूर्णिमा पर क्या करे

Ashadha Purnima Niyam: आषाढ़ पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, और यह कई मायनों में विशेष माना जाता है।

  • ऐसी मान्यता की आषाढ़ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने के बाद गुरु की पूजा करके उनका भी आशीर्वाद लेना चाहिए। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गंगाजल मिले जल से स्नान करने के बाद एक तांबे का लोटा लेकर उसमें, रोली, लाल पुष्प डालकर भगवान सूर्य देव को अर्घ देना शुभ होता है।
  • ऐसी मान्यता है कि जिन विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन नही लगता है। या पढ़ाई में किसी प्रकार की रुकावट आ रही है तो ऐसे छात्रों को आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गीता का पाठ और गाय की सेवा करनी चाहिए। ऐसा करने से पढ़ाई में आ रही रुकावट दूर होती है।
  • ऐसी मान्यता की जिन लोगों का विवाह नहीं हो रहा है या शादी-विवाह में किसी प्रकार की दिक्कत आ रही है। तो उन्हें आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गुरु यंत्र की स्थापना करके उसकी विधि-विधान से नियमित पूजा करनी चाहिए। यदि जो लोग ऐसा करते है उनकी वैवाहिक परेशानिया दूर होती है। और सीघ्र ही विवाह के योग बनने लगते है।
  • ऐसी मान्यता है कि यदि जिन लोगों का आर्थिक स्थिति लाख उपाय करने के बाद भी नहीं सुधर रही है। तो उन्हें आषाढ़ पूर्णिमा के दिन किसी भी गरीब व्यक्ति या ब्राम्हण को या फिर किसी जरूरत मंद लोगों को पीला अनाज, पीली मिठाई, पिला वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। ऐसा करने से इनकी सभी परेशानिया दूर होती है।
  • आषाढ़ पूर्णिमा आके दिन तामसिक भोजन मास, मदिरा, मछली, लहसुन, प्याज आदि का सेवन भुलकर भी नही करना चाहिए।

आषाढ़ पूर्णिमा 2025 Ashadha Purnima 2025 Date

हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। jo साल 2026 में आषाढ़ पुर्णिमा 29 जुलाई दिन बुधवार को मनाई जाएगी।

पूर्णिमा तिथि आरम्भ होगी – 28 जुलाई 2026 को शाम 06 बजकर 21 मिनट पर
पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 29 जुलाई 202 को रात्रि 08 बजकर 0 मिनट पर

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