Raksha Bandhan 2025: 2025 में रक्षाबंधन कब है? नोट करे डेट टाइम व राखी बांधने का मुहूर्त, पूजा विधि व नियम

Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन या राखी का पर्व हर साल श्रावण मास की पर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दौरान बहन अपने भाई को राखी बांधती है और उनकी सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती है। तो वही भाई भी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। यह पर्व भाई बहन के अटूट रिश्ते और प्रेम का प्रतीक है। शास्त्रों के अनुसार यह पर्व भाई बहन के स्नेह के साथ-साथ उनके आपसी रिश्ते को मजबूत बनाता है।

धार्मिक मान्यता है कि भद्राकाल के समय रक्षाबंधन का पर्व नही मनाना चाहिए। बल्कि रक्षाबंधन का पर्व सावन मास में जिस दिन पर्णिमा अपराह्ण काल में पड़ें यदि पूर्णिमा तिथि के समय अपराह्ण काल में भद्रा हो तो भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। और यदि पर्णिमा अगले दिन के शुरुआती तीन मुह़तों में हो तो इस पर्व से जुड़े सभी विधि विधान अगते दिन के अपराह्ण कात में ही किये जाने चाहिए।

यदि पूर्णिमा तिथि अगले दिन के शुरुआती 3 मुहूतों में नहो तो रक्षा बंधन पहले ही दिन भद्राकाल के बाद प्रदोष काल में मनाया जा सकता है। आइये जानते है साल 2025 में रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा ? 28 या 29 अगस्त, जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन क्या करना चाहिए क्या नही?

रक्षाबंधन कब है Raksha Bandhan 2025 Date

हिंदी पंचांग के अनुसार सावन मास की पुर्णिमा तिथि प्रारम्भ हो रही है 08 अगस्त 2025 को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर और पुर्णिमा तिथि समाप्त हो रही है। 09 अगस्त 2025 को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट पर। इसलिए साल 2025 में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा 09 अगस्त दिन शनिवार को रक्षाबंधन पूजा का शुभ मुहूर्त है 09 अगस्त 2025 को सुबह 05 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। यानी पूजा करने की कुल अवधि है 07 घंटे 37 मिनट

रक्षाबंधन पूजा विधि Raksha Bandhan Puja Vidhi

रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले उठकर भाई-बहन दोनों को स्नान आदि करके भगवान की उपासना करना चाहिये। इसके बाद पूजा के लिए पूजा सामग्री को एकजुट करके उसमें रोली, अक्षत, कुमकुम और दीपक जलाकर पूजा की थाली सजाए। और पूजा की थाली में रंग-बिरंगी राखियों को रखकर पूजा करे।

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इसके बाद बहनें भाइयों के माथे पर कुमकुम, रोली एवं अक्षत से तिलक करती हैं। इसके पश्चात बहने अपने भाई के दाएं हाथ की कलाई पर रेशम की डोरी से बनी राखी बांधती हैं और भाई को मिठाई खिलाती हैं। भाई राखी बंधवाने के बाद अपनी बहन को रक्षा करने का वचन देता है और भाई बहन को कुछ उपहार स्वरूप भेंट देते है।

रक्षाबंधन के दिन ना करे ये 5 काम

  • रक्षाबंधन के दिन बहने भाई के दाहिने हाथ में राखी बाधनी चाहिए। क्योकि दाहिने हाथ मे राखी बांधना कर्मो से जोड़ा जाता है। इसलिए भागी के दाहिने हाथ मे राखी बाधनी चाहिए।
  • ऐसी मान्यता है कि रक्षाबंधन के दिन विद्यार्थियों को अपनी कलाई पर पीले रंग की राखी बांधनी चाहिए। क्योकी बुद्धि तेज होती है और पढ़ाई में अच्छे अंक आते हैं।
  • रक्षाबंधन के दिन बहनों को किसी भी प्रकार से नाराज नही करना चाहिए। और नाही भद्रा और राहु काल में राखी बाधना चाहिए।
  • रक्षाबंधन के दिन कांच की एक बोतल में सरसों का तेल भरकर उसे कांच के कंचे से ही बंद कर अपने पर से उतारकर बहते जल में बहाने से मनोकामना पूरी होती है।
  • बहन को इस बात का जरूर ख्याल रहे कि राखी बांधते वक्त भाई का मुख दक्षिण दिशा में न हो। और बहने भुलकर भी टूटे हुए चावल का तिलक न लगाएं और नाही पूजा के दौरान काले रंग का प्रयोग चाहिए।

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