Varalakshmi Vrat 2024: कब है वरलक्ष्मी पूजा, जाने पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व पूजा सामग्री

वरलक्ष्मी व्रत का महत्व

Varalakshmi Vrat 2024: हिंदू धर्म में वरलक्ष्मी व्रत को बहुत ही पवित्र व्रत माना जाता है। यह व्रत माता लक्ष्मी को समर्पित है। यह व्रत हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष के दौरान एक सप्ताह पूर्व शुक्रवार को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से धन संपत्ति और संतान की प्रप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि वरलक्ष्मी माता का जन्म दूधिया महासागर से हुआ था। जिसे छिरसागर के नाम से भी जानी जाती है।

वर लक्ष्मी माता स्वयं महालक्ष्मी का ही एक रूप हैं। जो कि एक रंगीन कपड़े से सजी होती है। और इनका रूप वरदान देने वाला होता है। और वो अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। इसलिए माता के इस रूप को “वर” और “लक्ष्मी” के रूप में जाना जाता है। वरलक्ष्मी व्रत को भारत के कुछ अन्य हिस्सों में जैसे – आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर तमिलनाडु आदि जगहों पर बड़ी धूमधाम के मनाया जाता है।

वरलक्ष्मी व्रत के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति, बच्चों और परिवार के अन्य सभी सदस्यों की मंगलकामना के लिए दिनभर उपवास रहकर मांता लक्ष्मी की पूजा आराधना करती हैं। वहीं, अगर पुरुष भी इस व्रत को करता है, तो इसका कई गुना लाभ दांपति को मिलता है।

आईये जानते है साल 2024 में वरलक्ष्मी व्रत पूजा कब मनाया जाएगा? जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय

वरलक्ष्मी पूजा विधि

Varalakshmi Puja 2024 Puja Vidhi: वरलक्ष्मी व्रत के दिन सुबह सूर्योदय होने से पहले उठकर नित्य कर्म करके स्नान करके व्रत का संकल्प ले फिर नए वस्त्र पहनकर पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कर पूजा स्थल को शुद्ध करें, इसके बाद माता वरलक्ष्मी का ध्यान करे।

इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर साफ लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। फिर चित्र के पास थोडा सा चावल रख दे। इसके बाद उसपर जल से भरा एक कलश रखें, कलश के चारों ओर चंदन लगाना चाहिए।

इसके बाद माता लक्ष्मी और गणेश को पुष्प, दूर्वा, नारियल, चंदन, हल्दी, कुमकुम, माला चढ़ाएं। और माता वरलक्ष्मी को सोलह श्रृंगार अर्पित करें। इसके बाद धूप, घी का दीपक जलाएं और मंत्र पढ़ें और भगवान को भोग लगाएं।

पूजा के बाद वरलक्ष्मी व्रत कथा पढ़ें और आरती के अंत में प्रसाद सभी में बितरित करें। इस व्रत को करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

वरलक्ष्मी व्रत के नियम

Varalakshmi Vrat Ke Niyam: वरलक्ष्मी व्रत के दिन माता लक्ष्मी का पूरे दिन निर्जला व्रत रखना चाहिए।और पूरे दिन सकारात्मक विचार रखने चाहिए। और शाम के समय माता लक्ष्मी का पूजा करनी चाहिए।

और बनाये गये पकवान को माता को भोग लगाना चाहिए। और शाम को एक बार फिर माता लक्ष्मी की पूजा करके बनाये गए पकवान का व्रती को भोग लगाना चाहिए। धार्मिक मान्यता है जो लोग ऐसा करते है तो सीघ्र माता वरलक्ष्मी प्रसन्न होती है।

और आपकों वरदान देती है  जिसे आप निरंतर उन्नति करते है व्यापार में लाभ होता है. परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है।

वरलक्ष्मी पूजा 2024 शुभ मुहूर्त

Varalakshmi Puja 2024 Date Time: आप को बतादे की साल 2024 में वरलक्ष्मी व्रत पूजा 16 अगस्त दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त है – प्रातःकाल 05 बजकर 44 मिनट से लेकर 08:00 बजे तक रहेगा
पूजा की कुल अवधि है – 02 घण्टे 15 मिनट

दोपहर पूजा का शुभ मुहूर्त – 12 बजकर 32 मिनट से लेकर 02 बजकर 50 मिनट तक रहेगा
दोपहर पूजा की कुल अवधि है – 02 घण्टे 18 मिनट

संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त है – PM 06 बजकर 38 मिनट से लेकर PM 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा
संध्या पूजा की कुल अवधि है – 01 घण्टा 29 मिनट

वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त है – मध्यरात्रि 11 बजकर 11 मिनट से लेकर 01 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।पूजा की कुल अवधि – 01 घण्टा 56 मिनट

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