2026 Amavasya List: Amavasya Vrat All Dates 2026, 2026 में अमावस्या कब-कब पड़ेगी, जाने दिन व तारीख

2026 Amavasya List: हिंद धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक महीने में एक और पूरे साल में 12 अमावस्या पड़ती है। हिंदी पंचांग के अनुसार वह तिथि जब चंद्रमा गायब हो जाता है तो उसे अमावस्या या अमावस के नाम से जाना जाता है। अमावस्या वाली रात को चंद्रमा लुप्त हो जाता है जिसकी वजह से चारों ओर घना अंधेरा छाया रहता है। इसलिए इस पखवाड़े को कृष्ण पक्ष कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व बतलाया गया है।

पुराणों में बतलाया गया है कि इस दिन पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष महत्व माना जाता है। क्योंकि इस दिन तर्पण, स्नान, दान, पूण्य, आदि करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण फलदायी माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति काल सर्प दोष से पीड़ित हैं तो उसे मुक्ति पाने के लिए अमावस्या तिथि उपाय के लिए असरदार मानी जाती है। आइये जानते है साल 2026 में अमावस्या कब-कब पड़ेगी, जनवरी से दिसम्बर तक कि सम्पूर्ण दिन व तारीख को जानेगे

अमावस्या 2026 तिथियों की सूची 2026 Amavasya List All Dates

18 जनवरी 2026, रविवार, माघ अमावस्या
17 फरवरी 2026, मंगलवार, फाल्गुन अमावस्या
19 मार्च 2026, गुरुवार, चैत्र अमावस्या
17 अप्रैल 2026, शुक्रवार, वैशाख अमावस्या
16 मई 2026, शनिवार, ज्येष्ठ अमावस्या
15 जून 2026, सोमवार, ज्येष्ठ अमावस्या (अधिक)
14 जुलाई 2026, मंगलवार, आषाढ़ अमावस्या
12 अगस्त 2026, बुधवार, श्रावण अमावस्या
11 सितंबर 2026, शुक्रवार, भाद्रपद अमावस्या
10 अक्टूबर 2026, शनिवार, आश्विन अमावस्या
09 नवंबर 2026, सोमवार, कार्तिक अमावस्या
08 दिसंबर 2026, मंगलवार, मार्गशीर्ष अमावस्या

अमावस्या पूजा विधि

अमावस्या के दिन व्रती सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें या घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। और पितरों के नाम का दीपक जलाएं और उनका तर्पण करें। और पीपल के पेड़ की पूजा करें और 108 बार परिक्रमा करें। इसके बाद तुलसी के पौधे की पूजा करें और 108 बार परिक्रमा करें।

इसके बाद पुनः भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा करें और उनके मंत्रों का जाप करें। और अपनी क्षमतानुसार के अनुसार किसी भी गरीबों को भोजन कराये और उन्हें वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करें। इसके सात्विक भोजन तैयार करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।

क्योकि अमावस्या के दिन दान-पुण्य करना शुभ फल दायीं माना जाता है। यदि संभव हो तो श्राद्ध कर्म करें, इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं ऐसा करने से आप के ऊपर पित्तरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

अमावस्या पर क्या ना करे

  • अमावस्या के दिन बाल, नाखून, नही काटना चाहिए।
    अमावस्या के दिन किसी को अपशब्द नही बोलना चाहिए।
  • अमावस्या के दिन मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नही करना चाहिए असुभ माना जाता है।
  • अमावस्या के दिन तामसिक चीजो का सेवन नही करना चाहिए जैसे मास, मछली, अंडा, और मदिरापान इन सभी वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
  • अमावस्या के दिन बड़े बुजुर्गों का अपमान नही करना चाहिए

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